पकड़ी गई डॉक्टरों की साजिश
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बाहर की दवा लिखने का धंधा बेरोकटोक चल रहा है। ओपीडी और इमरजेंसी के डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे इस खेल को दैनिक जागरण ने उजागर किया था। इस पर शासन ने गुप्त जांच के आदेश दिए थे। सोमवार दोपहर औचक निरीक्षण करने जिला प्रशासन की टीम संस्थान पहुंची। रणनीति के तहत डीएम जहां प्रशासनिक भवन पहुंचे, वहीं एसडीएम गेट पर मरीजों के पर्चे जांचने लगे। इसमें बाहर की दवा लिखने के धंधे का भंडाफोड़ हुआ। लोहिया संस्थान में सोमवार से ओपीडी शुरू होते ही डॉक्टर धड़ल्ले से बाहर की दवा लिखने लगे। फार्मा कंपनियों का जाल, मेडिकल स्टोरों के दलाल, डॉक्टरों में कमीशन का कॉकस मरीजों को झटके दे रहा है। डीएम अभिषेक प्रकाश, एडीएम विश्वभूषण, एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी सोमवार दोपहर पौने एक बजे लोहिया संस्थान पहुंचे। डॉक्टरों को जब तक भनक लगती तब तक पूरा खेल उजागर हो चुका था।

बातों में उलझे रहे अफसर, गेट पर चलता रहा खुफिया मिशन
रणनीति के तहत डीएम-एडीएम सीधे प्रशासनिक भवन में अफसरों से वार्ता करते रहे। उधर, डॉक्टरों को ओपीडी में गुप्त जांच की भनक तक न लग सकी। एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी हॉस्पिटल गेट पर मरीजों का बयान लेते रहे। ओपीडी से निकले 15-20 मरीजों के पर्चे उन्होंने देखे। उनसे अंदर मिली और बाहर से खरीदी जा रही दवाओं का ब्योरा जुटाया।
अस्पताल की फार्मेसी की भी जांच
जिला प्रशासन ने अस्पताल की फार्मेसी और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का भी दौरा किया। यहां दवा वितरण और उपलब्ध दवाओं का ब्योरा जांचा। इस दौरान जन औषधि केंद्रों पर कई दवाएं नहीं मिलीं।
‘जिला प्रशासन की टीम गुप्त निरीक्षण पर आई थी। टीम के सदस्य गेट पर मरीजों से दवा मिलने के बारे में पूछ रहे थे। इस दौरान उन्होंने क्या पाया, यह जानकारी साझा नहीं की है। संस्थान में डॉक्टरों को अंदर की ही दवा लिखने के सख्त निर्देश हैं।‘