उत्तर प्रदेशमनोरंजन

Shakuntala Devi विद्या बालन और सान्या मल्होत्रा

Shakuntala Devi विद्या बालन एक बार फिर वूमेन सेंट्रिक फ़िल्म के साथ हाज़िर हैं। मैथमेटिशियन, ज्योतषी और लेखक शकुंतला देवी की बायोपिक में विद्या बालान ने एक मां और स्वतंत्र महिला का किरदार निभाया है। विद्या के इस किरदार को स्क्रीन पर कलरफुल बनाया है को-स्टार सान्या मल्होत्रा ने। इन सबको बांधने का काम निर्देशक अनु मेनन ने किया है। गणित की गुणाभाग के बीच ज़िंदगी के कई सवाल आपको एंटरटेन करते हैं।

कहानी

फ़िल्म शकुंतला देवी के जीवन पर आधारित है। दक्षिण भारत में पैदा हुई शकुंतला देवी कभी भी स्कूल नहीं गई। लेकिन मैथ जीनियस होने की वज़ह से बचपन से स्टेज़ शो कर रही है। शकुंतला को बचपन से सुपरमैन नहीं, बल्कि सुपरवूमेन बनना है। वे सामान्य जीवन नहीं जीना चाहती। इसके लिए वह लदंन चली जाती हैं। कहानी में असली मोड़ तब आता है, जब शकुंतला खु़द मां बनती हैं। फिर शुरू होती शकुंतला के लाइफ की दूसरी जंग। स्वतंत्र जीवन और परिवार के बीच शकुंतला लगातार पिसती नज़र आती हैं। यह जंग शकुंतला अपने जीवन के आखिरी छड़ तक लड़ती हैं। फ़िल्म की कहानी में शकुंतला देवी के बहाने स्वतंत्र  महिला और उनकी जीवन की भावनाओं को व्यक्त किया गया है। 

क्या लगा अच्छा

– फ़िल्म की कहानी की ख़ास बात है कि यह सिर्फ शकुंतला देवी पर ही रूक नहीं जाती है। कहानी सिर्फ गणित पर ही आधारित नहीं है। यह एक महिला, एक मां और एक बेटी कहानी है। कहानी दो पार्ट में चलती है। एक और शकुंतला देवी की कहानी दिखती है, तो दूसरी और अनु बनर्जी की भी कहानी दिखाई गई है। 

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