नए चक्रानुक्रम में बढ़ीं महिलाओं की 35 सीटें
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:निकाय चुनाव के लिए तय आरक्षण के मुताबिक नए चक्रानुक्रम व्यवस्था के तहत तय किए गए आरक्षण में सबसे अधिक महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। अंतिम अधिसूचना के मुताबिक 760 निकायों में महापौर व अध्यक्ष की 288 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। जबकि 5 दिसंबर को जारी अधिसूचना में महिलाओं की संख्या 253 थी।
प्रदेश सरकार ने 762 में 760 नगर निकायों में महापौर और अध्यक्षों के अलावा पार्षदों की सीटों के आरक्षण की अंतिम अधिसूचना रविवार को जारी कर दिया है। अंतिम अधिसूचना में सीटों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 30 मार्च को जारी अनंतिम अधिसूचना में प्रस्तावित आरक्षण पर मिली 832 आपत्तियों के निस्तारण के बाद भी अंतिम अधिसूचना में आरक्षण की स्थिति को जस का तस रखा गया है। यानि 30 मार्च को जारी अनंतिम अधिसूचना पर मिली सभी आपत्तियों को नगर विकास विभाग ने खारिज कर दिया है।
बता दें कि 17 नगर निगमों, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों में महापौर, अध्यक्ष और 13924 वार्डों में चुनाव होने हैं। नगर विकास विभाग ने 30 मार्च को आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी करते हुए 6 अप्रैल को शाम 6 बजे तक आपत्तियां मांगी थी। इसपर 832 आपत्तियां प्राप्त हुई थी, लेकिन विभाग ने सभी आपत्तियों को ग्रहणीय न मानते हुए खारिज कर दिया और अंतिम अधिसूचना जारी कर दी है।
रविवार को जारी अंतिम आरक्षण के बाद अब यह तय हो गया है कि लखनऊ समेत कुल छह नगर निगमों में छह सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। ओबीसी के हिस्से में आई सीटों की संख्या 205 में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि एससी की आठ और एसटी की एक सीट बढ़ गई हैं।
पांच दिसंबर की तुलना में महिलाओं के हिस्से आई 35 अधिक सीटें
निकाय चुनाव के लिए तय आरक्षण के मुताबिक नए चक्रानुक्रम व्यवस्था के तहत तय किए गए आरक्षण में सबसे अधिक महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। अंतिम अधिसूचना के मुताबिक 760 निकायों में महापौर व अध्यक्ष की 288 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। जबकि 5 दिसंबर को जारी अधिसूचना में महिलाओं की संख्या 253 थी।
महिलाओं की संख्या में 35 सीटों को बढ़ोतरी
इस प्रकार इस बार महिलाओं की संख्या में 35 सीटों को बढोतरी हुई है। इस तरह से कहा जाए तो महिलाओं की हिस्सेदारी प्रदेश में 37.89 प्रतिशत होगी। नए फार्मूले पर हुए आरक्षण में सबसे अधिक फायदा महिलाओं के अलावा एससी वर्ग को भी मिला है।