उत्तर प्रदेशराज्य

लोहिया संस्थान के डॉक्टर का बंद कमरे में शव मिला

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:लखनऊ के लोहिया अस्पताल के डॉक्टर अमित नायक का गुरुवार देर रात संदिग्ध हालात में शव घर में मिला। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला। शव के पास कई इंजेक्शन पड़े थे। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह साफ होगी। मामला इंदिरानगर सेक्टर 14 का है।

फोन न उठने पर दोस्त घर पहुंचे, पुलिस को दी सूचना
गाजीपुर इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अमित नायक गोरखपुर के गगहा चवरियां गांव का रहने वाला था। डॉक्टर के दोस्त काफी देर से उसकी मोबाइल पर फोन कर रहे थे, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था। इसके बाद दोस्त डॉक्टर के घर पहुंचे। घर का दरवाजा अंदर से बंद था। दोस्तों ने खिड़की से झांक कर देखा, तो डॉक्टर बेड पर अचेत अवस्था में पड़ा था। इसके बाद दोस्तों ने पुलिस को बुलाया।

गाजीपुर इंस्पेक्टर ने बताया कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर डॉक्टर को बाहर निकाला। इसके बाद इलाज के डॉक्टर को लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अमित के परिजन दिल्ली के जहांगीरपुरी में रहते हैं। उन्हें सूचना दी गई है। अमित घर में सबसे छोटा था।

ड्यूटी पर न आने पर साथी गए थे घर
EMO डॉ. राहुल ने बताया, “अमित नायक MBBS एनेस्थीसिया पीजी प्रथम वर्ष (जेआर-1) का स्टूडेंट था। सीनियर डॉक्टर दीपक दीक्षित ने इमरजेंसी ड्यूटी के लिए अमित को करीब 6:30 बजे फोन लगाया, तो फोन स्विच ऑफ आया। इस पर उन्होंने कंसल्टेंट इंचार्ज दीपक को इसकी जानकारी दी। इसके बाद अमित के जानने वालों से उसके बारे में पता किया गया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद डॉ. शुभेंदु, डॉ. शोएब और डॉ. अनिल मौके पर पहुंचे। जहां दरवाजा पीटने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। फिर पुलिस को बुलाकर दरवाजा तोड़ा गया।

अमित बेड पर बेहोश पड़ा था। उसकी पल्स नहीं चल रही है। डॉक्टर शुभेंदु ने सीपीआर किया और अन्य डॉक्टरों को सूचना दी। जल्द ही डॉ. अमित को एंबुलेंस से डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी ले आया गया। जहां ईसीजी और अन्य जांच से पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।सूत्रों के मुताबिक, लोहिया अस्पताल में जेआर से लेकर डॉक्टर तक लगातार ड्यूटी से तनाव में हैं। शहर में ही रहकर कई-कई दिनों तक घर नहीं जा पाते हैं। इससे नींद तो दूर दैनिक दिनचर्या पूरी तरह से बिगड़ गई है। इसको लेकर कई बार जेआर से लेकर डॉक्टर तक ने सीनियर से कई बार शिकायत की।

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