उत्तर प्रदेशलखनऊ

 काशी विश्वनाथ के पैटर्न पर हिस्सा बनेंगे प्राचीन मंदिर

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:काशी विश्वनाथ के पैटर्न पर वृंदावन के बिहारीजी कॉरिडोर में भी आसपास के प्राचीन मंदिरों को खूबसूरती प्रदान की जाएगी। इसके लिए कॉरिडोर क्षेत्र के चिन्हांकन में जुटी राजस्व कर्मियों की टीम घरों में प्राचीन मंदिरों को भी चिह्नित कर रही है। प्रशासन की प्लानिंग प्राचीन मंदिरों को कॉरिडोर का ही हिस्सा बनाने की है।वृंदावन स्थित श्रीबांकेबिहारी मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की योजना के तहत हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश पर आठ सदस्यीय समिति प्रस्तावित कॉरिडोर की रूपरेखा तैयार करने में जुटी है। इसके लिए प्रस्तावित पांच एकड़ क्षेत्र में जमीन और भवनों का चिन्हांकन के साथ संपत्ति मूल्यांकन भी किया जा रहा है। 

कॉरिडोर की चमक में चकाचौंध होंगे ये प्रमुख मंदिर

मंदिर मदन मोहन
श्रीबांकेबिहारी मंदिर क्षेत्र के अत्यंत निकट विराजमान श्री मदन मोहन जी का मंदिर वृंदावन का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। इसका निर्माण सन् 1590 से 1627 के बीच में मुल्तान निवासी रामदास खत्री कपूर द्वारा आदित्य टीले पर कराया था। लाल पत्थर से बना यह मंदिर वर्तमान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है, जो बिहारीजी मंदिर से भी बहुत प्राचीन है। 

मंदिर राधावल्लभ
वृंदावन के सप्त देवालयों में शामिल श्रीराधावल्लभ का मंदिर भी शामिल है। यह मंदिर भी प्रस्तावित कॉरिडोर के अत्यंत निकट स्थित है।

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