उत्तर प्रदेशराज्य

लेखिका गीतांजलि श्री ने रचा इतिहास

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:मैनपुरी की मूल निवासी लेखिका गीतांजलि श्री ने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार -2022 जीत प्रदेश को गौरवांवित करने के साथ ही इतिहास रचा है। अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला गीताजलि श्री को उनके उपन्यास ‘रेत समाधि’के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मैनपुरी की मूल निवासी गीतांजलि श्री फिलहाल दिल्ली में रहती है।

International Booker Prize Writer From Mainpuri Geetanjali Shree
गीतांजलि श्री की रेत समाधि हिंदी की पहली कृति है जो बुकर प्राइज के लिए पहले चरण से नामिक हुई और फिर इसको बुकर प्राइज जीतने का गौरव भी मिला। 

गीतांजलि श्री करीब तीन दशक से लेखन के कार्य में लगी है। 30 वर्ष की इस तपस्या के दौरान उनका पहला उपन्यास ‘माई’ था। इसके बाद ‘हमारा शहर उस बरस’ प्रकाशित हुआ। दोनों उपन्यास का प्रकाशन नब्बे के दशक में हुआ। इसके बाद ‘तिरोहित’ और ‘खाली जगह’ भी प्रकाशित हुए। इस दौरान गीतांजलि श्री ने कई कहानी संग्रह भी लिखे।

उनका उपन्यास ‘रेत समाधि’ विश्व की उन 13 श्रेष्ठ कृतियों में शामिल था जिनका नामांकन बुकर पुस्कार के लिए किया गया था। गीतांजलि श्री की ‘रेत समाधि’ हिंदी की पहली कृति है जो बुकर प्राइज के लिए पहले चरण से नामिक हुई और फिर इसको बुकर प्राइज जीतने का गौरव भी मिला। इससे तो दिल्ली के राजकमल प्रकाशन का भी नाम अंतरराष्ट्रीय जगत पर चमका है। 

Related Articles

Back to top button