कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार सुस्त
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:स्वास्थ्य विभाग राजधानी में कोरोना से निपटने के पूरे इंतजाम होने के दावे कर रहा है, हालांकि बचाव के लिए होने वाले टीकाकरण की हालत खराब है। इसके लिए जनता और विभाग दोनों जिम्मेदार हैं।राजधानी में एक करोड़ 31 लाख डोज के कुल लक्ष्य के सापेक्ष करीब 95 लाख डोज ही लग पाई है। अभी भी 36 लाख का वैक्सीनेशन बाकी है। इनमें से 34 लाख बूस्टर डोज वाले हैं। इस समय शहर के सिर्फ चार केंद्रों पर वैक्सीनेशन हो रहा है। इनमें भी सिर्फ कोवॉक्सीन की डोज दी जा रही है।
कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर के दौरान टीकाकरण को लेकर उत्साह था। हेल्थवर्कर और फ्रंटलाइन वर्करों के अलावा 12 से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पहली डोज लगवाने वालों का औसत 99 प्रतिशत से अधिक था। दोनों डोज लेेने वालों का औसत भी 88 फीसदी से अधिक था। हालांकि, इसके बाद संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो लोग भी बेपरवाह हो गए। यही कारण है कि 18 से 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में बूस्टर लगवाने वालों का औसत 50 प्रतिशत को भी पार नहीं कर सका है। यह आंकड़ा तब है जब फ्रंटलाइन वर्करों में बूस्टर डोज लेने वालों का प्रतिशत 107 रहा।वैक्सीनेशन को लेकर लोगों का उत्साह कम होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी इसके प्रति उदासीन हो गया। यही कारण है कि लखनऊ में इस समय चार केंद्रों सिविल अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, लोहिया संस्थान और हाईकोर्ट में ही वैक्सीन लगाई जा रही है। पहले 80 से अधिक केंद्रों पर टीकाकरण चल रहा था। इतना ही नहीं अभी कोवॉक्सीन ही लगाई जा रही है।