उत्तर प्रदेशराज्य

90 मिनट योगी की PM से मुलाकात के मायने

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:सीएम योगी ने शनिवार को दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की। 8 महीने बाद दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच हुई यह मुलाकात करीब 90 मिनट चली। इस लंबी मुलाकात को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच 2024 की जमीन मजबूत करने को लेकर मंथन हुआ। इसके अलावा यूपी में 6 MLC सीटों के ऐलान और यूपी बीजेपी के नए संगठन पर चर्चा हुई।

सिर्फ यही नहीं, इस मुलाकात की जो तस्वीर आई, उसमें सीएम योगी के हाथ में एक फाइल थी। आखिर इस फाइल में क्या था? इसे लेकर लखनऊ में पंचम तल से लेकर सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई। हालांकि, भास्कर को सूत्रों ने बताया कि इस फाइल में योगी सरकार के 13 मंत्रियों के विदेश दौरे की रिपोर्ट थी। इससे पहले सीएम ने 11 अप्रैल 2022 को दिल्ली में पीएम से मुलाकात की थी।

1. निकाय चुनाव पर चर्चा, जिम्मेदारी तय
मैनपुरी, खतौली और रामपुर उप-चुनाव के बाद बीजेपी निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। निकाय चुनाव की जिम्मेदारी सीएम पर है। सूत्रों ने बताया कि ऐसे में चुनाव में जीत को लेकर तैयार की गई रणनीति पर उनकी पीएम मोदी से बात हुई। उन सीटों पर चर्चा हुई, जहां भाजपा आज तक निकाय चुनाव में नहीं जीती है। चुनाव को लेकर मंत्रियों की भी जिम्मेदारी तय की गई। संगठन के पदाधिकारियों के रोल पर मंथन किया। फिलहाल, निकाय चुनाव के नए आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश का भी बीजेपी इंतजार कर रही है।

2. 6 MLC के नाम पर भी फैसला
यूपी के कोटे से 6 विधान परिषद सदस्यों को नामित किया जाना है। संगठन की तरफ से 22 नाम MLC नामित करने को लेकर केंद्रीय नेतृत्व को भेजे गए हैं। योगी ने बीजेपी की राष्ट्रीय टीम के साथ नामित किए जाने वाले नामों को लेकर भी चर्चा की। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद थे। सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी की किताब लिखने वाले शांतनु गुप्ता को भी इस बार MLC बनाया जा सकता है। संगठन से दो पदाधिकारियों को MLC बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा सांस्कृतिक कोटे से भी एक MLC बनाने को लेकर चर्चा हुई।

3. बीजेपी संगठन से पुराने चेहरों को हटाया जा सकता है
सूत्रों के मुताबिक, भूपेंद्र चौधरी की नई टीम में कई पुराने चेहरों को हटाया जाना है। कई ऐसे चेहरे इसमें शामिल हैं, जो तीन-चार बार से बड़े पद पर हैं। दिल्ली की टीम ने निर्देश दिए गए हैं कि यूपी बीजेपी में नए लोगों को शामिल किया जाए। इसमें जातिवार तरीके से नए पदाधिकारियों को तलाश करके जिम्मेदारी दी जाए। नए चयन में 2024 यानी जातिगत समीकरण का भी ध्यान रखा जाना है।

निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान अगर एक सप्ताह के अंदर हुआ तो बीजेपी निकाय चुनाव के बाद नई टीम का गठन करेगी। अगर चुनाव में हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरक्षण लागू किए जाने की प्रक्रिया की वजह से टलता है तो बीजेपी मकर संक्रांति के बाद कभी भी अपनी नई टीम का ऐलान कर सकती है। इस अहम बिंदु को लेकर दिल्ली में मंथन किया गया।

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