उत्तर प्रदेशराज्य

 कोविड टेस्टिंग 100% करें; वरना BF.7 वैरिएंट को फैलते देर नहीं

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:कोविड के विदेशों में बढ़ रहे मामलों ने मेडिकल एक्सपर्ट की चिंता बढ़ा दी है। BF.7 वैरिएंट को सुपर स्प्रेडर करार दिया गया है।उत्तर प्रदेश के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य और KGMU के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत से बात की।

 कोरोना को लेकर दुनिया के तमाम देशों से डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं। यूपी कितना सुरक्षित है?
जवाब – 
देखिए..मेरा यही कहना है कि पहली बार भी कोरोना चीन से ही पूरी दुनिया में फैला था। इस बार भी कुछ वैसे ही हालात बन रहे हैं। सबसे ज्यादा जरूरी हमें एयरपोर्टस और देश के एंट्री पॉइंट्स पर निगरानी रखने की हैं। एयरपोर्ट ही वह जगह है, जहां से कोरोना एंट्री ले सकता है। अभी तक हम सही तरीके से एयरपोर्ट में स्क्रीनिंग नहीं शुरू कर पाए हैं। ऐसे हालात में कोरोना के इस वैरिएंट को फैलते देर नहीं लगेगी।

सवाल – हमें बचने के लिए क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
जवाब – 
सबसे पहले सभी एयरपोर्ट्स टेस्टिंग और ट्रेसिंग 100% करनी चाहिए। प्रभावित देशों से डायरेक्ट आने वाले या 1 महीने के भीतर उन देशों का दौरा कर चुके लोगों को निश्चित अवधि के लिए क्वारैंटाइन किया जाना बेहद जरूरी हैं।हमे याद रखना होगा कि यह वायरस एयरपोर्ट्स से रेलवे और बस स्टेशनों का रुख करता हैं। यही कारण हैं कि इस पॉइंट पर सावधानी बरतने पर हम राज्य की 24 करोड़ की आबादी को सुरक्षित रख सकते हैं।

सवाल – बचाव में वैक्सीनेशन की भूमिका कितनी मानी जाए?
जवाब – 
मेरा मानना हैं कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन हमेशा से कारगर रही हैं। अपने देश की वैक्सीन इस नए वैरिएंट के विरुद्ध कितनी असरदार है, ये देखना होगा। अहम बात ये हैं कि अगर यह ‘वैक्सीन एस्केप वैरिएंट’ हैं तो जल्द ही हमें इस वैरिएंट पर असरकारक वैक्सीन को भी डेवलप करना होगा।
इसके अलावा CAB यानी कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर सबसे बेहतरीन और ट्राइड एंड टेस्टेड टूल हैं। इसको लेकर कही कोई संशय नहीं होना चाहिए।

SGPGI के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने गुरुवार को मरीज, तीमारदार, डॉक्टर, कर्मचारी सभी को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने कोविड के लक्षण वाले मरीजों व तीमारदारों की जांच के साथ कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने का भी निर्देश दिया। उधर, रेलवे के अस्पताल भी अलर्ट हो गए हैं। इसके साथ ही बूस्टर डोज न लगवाने वाले रेलकर्मियों की सूची तैयार की जाने लगी है।

तैयार हो गए कोविड वार्ड
SGPGI में बने कोविड अस्पताल में गुरुवार को मॉक ड्रिल कर व्यवस्थाएं जांची गई हैं। यहां आईसीयू, आइसोलेशन वार्ड और सामान्य वार्ड को कोविड मरीजों के लिए तैयार कर दिया गया है। अभी 20 बेड का वार्ड मरीजों के लिए खोला गया है।

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