शहरों में साफ हवा के लिए 20 विभाग मिलकर करेंगे काम
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश के 17 प्रमुख शहरों में साफ हवा के लिए 20 विभाग मिलकर काम करेंगे। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों और संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही कहा है कि वायु प्रदूषण कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की लगातार निगरानी की जाएगी।
ठंड बढ़ते ही लखनऊ समेत प्रमुख शहरों में धुंध के साथ प्रदूषण बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। वायु प्रदूषण के लिहाज से आगरा, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, अनपरा, गजरौला, खुर्जा, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, फिरोजाबाद, रायबरेली और गोरखपुर को संवेदनशील माना गया है। ये वो शहर हैं, जहां की वायु गुणता का स्तर राष्ट्रीय मानक से कम है। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन शहरों पर विशेष नजर रखने की कार्ययोजना बनाई है। यहां वायु प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
इन शहरों की स्थानीय स्थिति पर विचार करते हुए नगर विशिष्ट कार्ययोजना भी तैयार हुई है, जिसे नगर विकास, पीडब्ल्यूडी, आवास और वन एवं पर्यावरण समेत 20 विभाग मिलकर लागू करेंगे। इस कार्ययोजना के संभव ढंग से पालन पर भी बोर्ड ने जोर दिया है। स्थानीय नगर निकायों को मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर के माध्यम से सड़कों पर पानी छिड़काव के लिए कहा है।
निर्माण एवं विध्वंस कार्यों से पैदा होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए बोर्ड ने डस्ट एप विकसित किया है और सभी कार्यदायी संस्थाओं से इस पर सेल्फ ऑडिट (स्व मूल्यांकन) नियमित रूप से करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। बोर्ड का कहना है कि प्रदेश के 20 शहरों में 49 सतत परिवेशीय वायु गुणता अनुश्रवण केंद्रों और 25 शहरों में 78 स्थानों पर मैनुअल विधि से परिवेशीय वायु गुणता की नियमित निगरानी की जा रही है। पिछले दो साल में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक पीएम-10 की मात्रा में 04-49 प्रतिशत तक का सुधार आया है।