सात देशों की रामलीला का मंचन
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:आगामी 23 अक्टूबर को होने वाला अब तक का सबसे भव्य छठा दीपोत्सव प्रथम अवसर होगा, जब लोगों को सात देशों की सांस्कृतिक विरासत को जानने का अवसर मिलेगा। दीपोत्सव में न सिर्फ साढ़े 14 लाख जलते दीयों का कीर्तिमान बनाने का लक्ष्य रखा गया है, बल्कि विदेशी रामलीला के दलों की संख्या भी सर्वाधिक रहेगी।
इस बार सात देशों की रामलीला मंडलियों को दीपोत्सव में रामनगरी लाने की तैयारी चल रही है। इसमें चार देशों के रामलीला दलों के कार्यक्रम लगभग तय भी हो चुके हैं और शेष तीन देशों की रामलीला कमेटियों के साथ पत्राचार अंतिम दौर में है।
पहली बार सात विदेशी दल आएंगे
इस बार दीपोत्सव में प्रथम बार सात विदेशी रामलीला दल अयोध्या में होंगे। इसमें ट्रिनिडाड एंड टोबैगो, थाईलैंड, दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी के देश इंडोनेशिया, कंबोडिया के रामलीला दलों के कार्यक्रम लगभग तय हो गए हैं। वहीं रूस, फिलीपींस व श्रीलंका से पत्राचार अंतिम दौर में है।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद इन देशों की रामलीला कमेटियों से वार्ता कर रही है। अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रामतीर्थ ने बताया कि चार देशों की रामलीला कमेटियों का आना लगभग तय है। शेष तीन देशों की कमेटियों से भी वार्ता चल रही है