उत्तर प्रदेशराज्य

सहारा अस्पताल को देना होगा लाखो रुपये का जुर्माना

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:राज्य उपभोक्ता आयोग की दो सदस्यीय बेंच ने इलाज में लापरवाही बरतने के एक मामले में सहारा अस्पताल को वादी को विभिन्न मदों में 86 लाख 97 हजार रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए।विकास कुमार अस्थाना और कविता अस्थाना निवासी विनय खंड गोमतीनगर ने सहारा अस्पताल और डा. संदीप अग्रवाल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय के लिए राज्य उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। वादी ने आयोग के दो सदस्यीय बेंच के समक्ष आरोप लगाया कि 78 वर्षीय मां उर्मिला अस्थाना का स्वास्थ्य 17 जून 2014 को बिगड़ गया।

उनके चेहरे के बायीं ओर पक्षाघात हुआ एवं आंशिक रूप से अचेत हो गईं। साथ ही बाेलने के दौरान आवाज लड़खड़ाने लगी। 17/18 जून 2014 की रात सवा बारह बजे सहारा अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में जूनियर डाक्टर ने देखा और कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है।वरिष्ठ चिकित्सक डा. संदीप अग्रवाल ने सुबह मरीज को देखा। मरीज को देखने के बाद बताया कि चार-पांच दिन में स्थिति संभल जाएगी। 28 जून 2014 को वादी ने जब मां के स्वास्थ्य के बारे में पूछा तो कहा गया कि कुछ कह नहीं सकते हैं। वादी को लगा कि मां के इलाज में लापरवाही हो रही है तो 01 जुलाई 2014 को अपने घर ले आए और 5 जुलाई 2014 को उनकी मृत्यु हो गई।

आयोग की दो सदस्यीय बेंच राजेंद्र सिंह और विकास सक्सेना ने मामले की सुनवाई की। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद बेंच के सदस्य राजेंद्र सिंह ने अपने निर्णय में कहा कि सहारा हास्पिटल ने माना कि उनके पास डीएसए और आरटीपीए इन फ्यूजन वाया डीएसए कैथेटर की सुविधा नहीं है। यह सुविधा केवल एसजीपीजीआई में है।सहारा हास्पिटल ने यह भी माना उनके यहां पूर्ण रूप से समर्पित स्ट्रोक यूनिट नहीं है। आयोग ने डा. संदीप अग्रवाल पर बीस और डा. मुफजल अहमद पर दस लाख का हर्जाना लगाया। यह आदेश दिया कि इस राशि का भुगतान भी सहारा हास्पिटल करेगा। बेंच ने उक्त राशि को शामिल करते हुए सहारा हास्पिटल पर विभिन्न मदों के तहत 86 लाख 97 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

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