उत्तर प्रदेशराज्य

80 हजार टन मलबा हटाने की चुनौती

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद 80 हजार मीट्रिक टन मलबा हटाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। दावा किया गया है कि तीन माह के भीतर मलबे का निस्तारण कर दिया जाएगा। इस मलबे को देखकर आसपास रहने वाले लोग ये सोचकर खुश होंगे कि भ्रष्टाचार के दोनों टावर गिरा दिए गए। वह जब भी टावर की तरफ देखेंगे उन्हें सुखद एहसास होगा, लेकिन उनके करीब पड़े मलबे को उठाने के दौरान भी उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

देश में पहली बार 100 मीटर से ऊंची इमारत को ढहाने के दृश्य को देखने के लिए लोग उत्सुक रहे। छतों, सड़कों और फ्लाईओवर पर जहां जगह मिली अपने कैमरे में कैद करने की होड़ मची रही। वहीं, जब ये टावर सफलतापूर्वक टावर ढहा दिए गए तो लोगों की खुशी का भी ठिकाना नहीं रहा। कहीं मिठाइयां बंटी तो कहीं पूजा अर्चना कर भगवान का शुक्रिया अदा किया।

ट्विन टावर गिराने के दौरान लोगों को नियंत्रित करने, रूट डायवर्जन और किसी अनहोनी से निपटने के लिए इंतजाम बड़ी चुनौती थी। लोगों को घटनास्थल से दूर रखने के लिए चार किमी क्षेत्र में आला अधिकारियों से लेकर सिपाही तक मुस्तैद रहे। एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात थीं। पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

डीसीपी सेंट्रल जोन राजेश एस अभियान के कमांडर थे। पांच एसीपी अब्दुल कादिर, महेंद्र देव सिंह, पीपी सिंह, रजनीश वर्मा सहित पांच सब कमांडर तैनात किए गए। बड़ी संख्या में दरोगा, सिपाही और अन्य पुलिसकर्मी व अधिकारी कड़ी धूप में डटे रहे। वहीं, फरीदाबाद-जेपी फ्लाईओवर पर इंसीडेंट कमांड सेंटर वैन में जिलाधिकारी सुहास एलवाई, पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह और सीईओ नोएडा रितु माहेश्वरी मौजूद रहीं।

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