गंगा का रौद्र रूप, घाट डूबे
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:गंगा के रौद्र रूप से अब गंगा सहित वरुणातटवासी सहमे हुए हैं। बढ़ता जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज 90 सेंटी मीटर दूर रह गया है। जलस्तर में बढ़ाव के चलते वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया है और इसके कारण वहां की आबादी का पलायन भी शुरू हो गया है। घरों के दरवाजे तक पानी पहुंच गया है। वरुणा क्षेत्र के नखी घाट, दीनदयालपुर, मीरा घाट, में रहने वाली आबादी अपना-अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगी हैं। दूसरी ओर काशी के महाश्मशान घाटों पर शवदाह के लिए दिक्कत बढ़ गयी है।मणिकर्णिका और हरिश्चंद्रघाट पर शवदाह के लिए दो से ढाई घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट पर जहां ऊंचाई पर स्थित मचान में चिताएं जल रही हैं तो दूसरी ओर हरिश्चंद्र घाट के ठीक ऊपर संकरी गली में शवदाह हो रहा है दशाश्वमेध घाट स्थित अतिप्राचीन सिद्धपीठ शीतला माता मंदिर का अब कुछ ही हिस्सा पानी में डूबने से बचा हुआ है।
पानी बढ़ने के बावजूद गंगा स्नान करने वालों के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी है। दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन सुबह से दोपहर तक गंगा स्नान के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इधर, नए अस्सी घाट के सबसे बड़े प्लेटफार्म पर पानी घुटने से ऊपर रहा। गंगा के बढ़ते जल स्तर में दशस्वमेध घाट स्थित जल पुलिस कार्यालय जल मग्न हुआ। केंद्रीय जल आयोग के डेली फ्लड बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को रात आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.10 मीटर दर्ज किया गया था जो कि बीते 24 घंटों की अपेक्षा लगभग सवा मीटर बढ़ हुआ था। वहीं सुबह-ए-बनारस तक बाढ़ का पानी आ गया।