जेल में बंदियों को मिलेगी अधिक आराम
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:आजादी के 75 साल पूरा होने पर योगी सरकार ने प्रदेश की जेलों को ब्रिटिश काल के मैनुअल से आजादी दे दी है। सभी बंदियों को न सिर्फ घर जैसा खाना दिया जाएगा, बल्कि जेल के बंदी रक्षकों को भी आधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा। कारागार विभाग द्वारा तैयार किए गए इससे संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। ‘उप्र जेल मैनुअल 1941’ के अनुपयोगी हो चुके प्रावधानों को समाप्त कर प्रस्तावित ‘उप्र जेल मैनुअल 2022’ में बंदियों के लिए तमाम नई सुविधाएं भी दी जाएंगी। इसमें बंदी अपराधियों के अपराध करने के नए-नए तरीकों से निपटने के उद्देश्य से कारागार प्रशासन व प्रबंध व्यवस्था में व्यापक बदलाव किए जाने का प्रस्ताव शामिल है।
शिशुकक्ष व बालवाड़ी की व्यवस्था
कारागार राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि नये मैनुअल के मुताबिक जेल में निरूद्ध महिलाओं के साथ रहने वाले 6 वर्ष तक के बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए एक शिशुकक्ष और एक बालवाड़ी (नर्सरी) की व्यवस्था होगी। 3 साल से कम उम्र के बच्चों को शिशु कक्ष में और 3 साल से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों का देखभाल बालवाड़ी में किया जाएगा। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के साथ ही इनके मनोरंजन, टीकाकरण और पौष्टिक भोजन देने की भी व्यवस्था होगी। मां की सहमति से 4 से 6 साल की आयु वाले बच्चों को जेल से बाहर भी किसी विद्यालय में प्रवेश कराया जा सकेगा।
चार श्रेणियों में बांटे जाएंगे जेल
मौजूदा व्यवस्था में जिला कारागारों में बंदी संख्या के आधार पर 5 श्रेणियां हैं। इसमें 500 से अधिक, 301 से 500 तक, 151 से 300 तक 101 से 150 तक 01 से 100 तक निर्धारित थीं। नये मैनुअल में चार श्रेणियां होंगी। श्रेणी-ए की कारागार में 2000 से अधिक बंदी, श्रेणी-बी में 1501 से 2000, श्रेणी-सी में 1001 से 1500 और श्रेणी-डी में 1000 तक बंदी।
बंदी रक्षकों को रायफल के स्थान पर 9 एमएम की पिस्टल
अब तक बंदी रक्षकों को अंग्रेजों के जमाने की 303 रायफल ही मिलती थी। अब उन्हें 9 एमएम की पिस्टल, इन्सास और कार्बाइन मिलेगी। इससे वे खूंखार अपराधियों से निपटने में सक्षम होंगे। आपात स्थिति में स्थिति नियंत्रित करने के लिए बाहरी फोर्स की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। बंदियों की सुरक्षा के लिए चेस्ट गार्ड, एल्बोगार्ड, फाइबर ग्लास, हेलमेट, पॉली कॉर्बोनेट शील्ड व लाठी के अलावा दंगारोधी टीजर गन आंसू गैस, वाटर कैनन, शॉक बटन, पेपर वॉल गन भी मुहैया कराया जाएगा।
महिला बंदियों को ये सुविधाएं
– मंगल सूत्र व सलवार-सूट पहने की छूट मिलेगी।
– सेनेटरी नैपकिन, नारियल तेल एवं शैम्पू मिलेगा।
– कारागार में जन्में बच्चों का जन्म पंजीकरण, टीकाकरण एवं नामकरण कराया जाएगा
– बच्चों के लिये क्रेच, नर्सरी, खेलकूद, मनोरंजन और शिक्षा की व्यवस्था
– गर्भवती एवं नर्सिग माताओं को पौष्टिक आहार व चिकित्सीय सुविधायें
– टूथ पाउडर, चप्पल, कूलर मिलेगा।
पुरुष बंदियों को मिलेगी यें सुविधाएं
– दाढ़ी बनाने के लिए कैन्टीन से खरीद सकेंगे कारट्रिज रेजर
– नाई एवं कपड़ा धुलाई भी करा सकेंगे
बंदियों को रोज मिलेगी चटनी, त्योहारों पर सेंवई व खीर
यूपी के नए जेल मैनुअल में बंदियों को सप्ताह में दो बार के स्थान पर प्रतिदिन चटनी, माह में एक बार कढ़ी चावल, प्रतिदिन शाम को चाय, कारागारों में बेकरी की व्यवस्था और ईद एव बकरीद पर सेवई एवं होली, दीपावली एवं राष्ट्रीय पर्वों पर खीर एवं व्रत के समय विशेष भोजन दिया जाएगा। हिंदू बन्दियाें को शिवरात्रि, रामनवमी, अनंत चतुर्दशी, देवोत्थानी एकादशी, जन्माष्टमी, नवरात्रि, करवा चौथ, तीज और भीम एकादशी पर और मुस्लिम बंदियों को रोजा रखने की अनुमति होगी।