ISIS का आतंकी गिरफ्तार
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की टीम ने आतंकी संगठन आईएस से जुड़े संदिग्ध दहशतगर्द सबाउद्दीन आजमी को आजमगढ़ से धर दबोचा है। टीम ने इसके साथ ही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विस्फोट की साजिश को नाकाम कर दिया। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआई) ने प्रतिबंधित आतंकी जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के दो संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए हैं। सबाउद्दीन आजमगढ़ के ही मेहमूदापुरा अमिलो मुबारकपुर का रहने वाला है। वह आईएसआईएस के अलावा ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का भी सक्रिय सदस्य है। सबाउद्दीन से पूछताछ और उसके मोबाइल का डाटा खंगालने पर पुलिस कई चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे हैं। सबाउद्दीन मूल रूप से बुनकरी का काम करता है। मंगलवार की शाम जैसे ही सबाउद्दीन की आतंकी के रूप में गिरफ्तारी की खबर घर पर पहुंची तो परिवार के लोग सकते में आ गए। घर पर लोगों की भीड़ जुट गई। परिवार के लोग किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार करते रहे।
कट्टरपंथी बनाने के लिए सोशल मीडिया पर डालते थे भड़काऊ पोस्ट
एनआईए ने कहा है कि आरोपी कट्टरपंथी हैं। ये दूसरे लोगों को कट्टरपंथी बनाने के लिए सोशल मीडिया में भड़काऊ पोस्ट डालते थे। एजेंसी के मुताबिक दोनों संदिग्ध पहले से गिरफ्तार आतंकियों के संपर्क में थे। साथ ही बांग्लादेश और भारत में अपने सहयोगियों के साथ संपर्क में रहने के लिए एंक्रिप्टेड एप का इस्तेमाल करते थे।
आईएस के सीधे संपर्क में था
सबाउद्दीन आईएस में भर्ती कराने वाले सदस्यों से सीधे संपर्क में था। वह अपने साथियों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से स्थानीय युवकों में जिहादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहा था। साथ ही युवकों को आईएसआईएस से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा था। सबाउद्दीन आतंक और जेहाद के लिए मुस्लिम युवकों का ब्रेनवाश करने के लिए आईएसआईएस द्वारा तैयार किए गए टेलीग्राम चैनल ‘अल-स्क्वायर मीडिया’ से जुड़ा हुआ है। एटीएस ने उसके पास से भारी मात्रा में 315 बोर के कारतूस समेत शेल्डिंग व पीवीसी वायरिंग समेत अन्य सामग्री भी बरामद की है। इन सामग्रियों का इस्तेमाल बम बनाने में किया जाता है।पुलिस को उसने बताया कि मूसा ने भी उसे आतंकी संगठन आईएसआईएस के सदस्य अबू बकर अल-शामी का नंबर दिया, जो सीरिया में रहकर इस संगठन का काम कर रहा है। इसके बाद बकर उससे लगातार कश्मीर में मुजाहिदों पर हो जुल्म के बारे में बात करता था। बकर से संपर्क में आने के बाद सबाउद्दीन भी उससे मुजाहिदों पर हो रही कार्रवाई का बदला लेने और आईएसआईएस की तरह भारत में भी एक इस्लामिक संगठन बनाने एवं आईईडी बनाने के बारे में जानकारी हासिल की।