जेल को बनाया पिकनिक स्पॉट
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:शासन ने आजमगढ़ जेल के जेलर रविंद्र सरोज, डिप्टी जेलर श्रीधर यादव और दो बंदी रक्षकों अजय वर्मा और आशुतोष सिंह को सस्पेंड कर दिया है। डीजी जेल आनंद कुमार ने इन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी सिफारिश की है।
डीएम विशाल भारद्वाज और एसपी अनुराग आर्य ने जेल में 26 जुलाई को छापेमारी की थी। 12 मोबाइल और चार्जर, 97 पुड़िया गांजा और LED टीवी की बरामदगी हुई थी। जिला प्रशासन ने आठ बंदियों के विरुद्ध जिले के सिधारी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
आरोपियों में राकेश राय, शेषधर यादव, मनीष सिंह, कमलेश, प्रकाश जायसवाल, अरविंद यादव और दो अज्ञात हैं। इस छापेमारी में 18,348 रुपए भी मिले थे। सूत्रों का कहना है कि जेल को पिकनिक स्पॉट बना दिया गया था। यहां हरके सामान के रेट फिक्स हैं।
आजमगढ़ जेल के अंदर बाजार में बिकने वाली वस्तुएं पांच से लेकर 10 गुना दामों तक आसानी से मिलती हैं। सूत्रों की मानें तो जेल में सभी वस्तुओं के रेट निर्धारित हैं। जेल में जो भी सामान जाता है, वह बैरक नंबर छह से होकर ही जाता है। जेल में सारा डिस्ट्रीब्यूशन का काम यहीं से होता है। इसमें जेल के अधिकारी से लेकर बंदी रक्षक तक सभी मिले रहते हैं।
पांच रुपए का गुटखा जेल के अंदर पहुंचते ही 25 रुपए का हो जाता है। डेढ़ सौ रुपए की शराब कोल्ड ड्रिंक के बोतल के जरिए जेल में पहुंचते ही 900 की हो जाती है। सात रुपए की सिगरेट 25 में बिकती है। इसके साथ ही सरसों का तेल, नानवेज सब कुछ जेल में उपलब्ध है।
जेल में बंद कैदियों तक पांच हजार रुपए में की-पैड वाला मोबाइल मिल जाता है। जिससे यह कैदी घर-परिवार के लोगों से बात करते हैं, पीड़ितों को धमकी देते हैं। सिम के लिए 1100 रुपए अलग से देने पड़ते हैं। जेल में यदि इन मोबाइल फोन को कोई सिपाही पकड़ लेता है तो 500 से 1000 रुपए तक लेकर छोड़ देता है।
नहीं देने पर जेल अधिकारियों के सामने पेश कराने की धमकी देता है। नए कैदी बात करते पकड़े जाते हैं, तो उनसे जेल के सिपाही 100 से लेकर 500 रुपए तक वसूल करते हैं।