सिस्टम ओवरलोड होने से नहीं मिल पा रही बिजली
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:प्रदेश में बिजली संकट की एक बड़ी वजह सिस्टम का ओवरलोड होना भी है। पावर कॉर्पोरेशन बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए जैसे-तैसे अतिरिक्त बिजली का इंतजाम कर रहा है लेकिन सिस्टम की खामियों के चलते लोगों को प्रचंड गर्मी में बिजली के लिए तरसना पड़ रहा है।

प्रदेश में उपभोक्ताओं का कनेक्टेड लोड 6.60 करोड़ किलोवाट तक पहुंच गया है जबकि 132 केवी उपकेंद्रों की क्षमता महज 5.21 करोड़ किलोवाट ही है। यानी सिस्टम पर क्षमता से ज्यादा लोड है। इससे तमाम जगहों पर बिजली होते हुए भी लोगों को नहीं मिल पा रही है।
उधर, बिजली की मांग 25 हजार मेगावाट पार जा चुकी है। अगले माह तक इसमें और इजाफा होने के आसार हैं। ऐसे में लोड व सिस्टम की क्षमता में भारी अंतर सिरदर्द साबित हो सकता है। हालांकि पावर कॉर्पोरेशन सिस्टम पर लोड कम करने के लिए लगातार नए उपकेंद्रों, लाइनों आदि के निर्माण की कवायद में जुटा है लेकिन मौजूदा सिस्टम के साथ न देने से मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। ज्यादातर ब्रेकडाउन ओवरलोडिंग की वजह से हो रहे हैं। ऐसे में 132 केवी, 33 केवी व 11 केवी के सिस्टम की खास निगरानी पर जोर है। फील्ड के अधिकारियों को शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक उपकेंद्रों व लाइनों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज खुद नियमित मॉनिटरिंग कर रहे हैं।