ज्येष्ठ का पहला बड़ा मंगल आज
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:जिस तरह छठ पूजा पूर्वांचल से शुरू होकर धीरेधीरे हर जगह फैल गई। उसी तरह ज्येष्ठ का बड़ा मंगल भी अब लखनऊ से बाहर निकल चुका है। बड़ा मंगल मूलत: अलीगंज के पुराने मंदिर की देन है। राजधानी में बड़ा मंगल बहुत ही खास अंदाज में मनाया जाता है। भोर से लेकर देर रात तक मंदिरों में भीड़ उमड़ती है। मंदिरों के बाहर मेले सा नजारा रहता है। इस बार पांच बड़े मंगल पड़ रहे हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार 17 मई को शिव योग, चंद्रमा मंगल की वृश्चिक राशि में और शनि का अनुराधा नक्षत्र का संयोग विशेष फल देने वाला है। इस बार आखिरी बड़ा मंगल 14 जून को होगा। बदलते समय के साथ भंडारों का ट्रेंड भी बदला है। पहले जहां भंडारे के प्रसाद के तौर पर गुड़धनिया, चना, बताशे, बेसन के लड्डू, बूंदी और शर्बत ही बंटता था। वहीं, धीरेधीरे भंडारे में पूड़ी और आलू की सब्जी भी बांटी जाने लगी। सब्जी का स्वाद ऐसा कि दूसरे दोने के लिए हाथ अपने आप बढ़े।