कोरोना का ग्लोबल सप्लाई चैन से खतरा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन के साथ वर्चुअल द्विपक्षीय बैठक के दौरान कहा कि कोरोना महामारी ने ग्लोबल सप्लाई चेन (वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला) के एक स्त्रोत पर अत्यधिक निर्भरता के खतरे को उजागर कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने के लिए आस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर काम कर रहा है और इस पहल में समान विचारधारा वाले देशों का स्वागत है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों के घटनाक्रमों से पता चलता है कि पारदर्शिता, लोकतांत्रिक मूल्यों और नियम आधारित व्यवस्था में विश्वास करने वाले देशों का मिलकर काम करना जरूरी है।
वैक्सीन के विकास में ऐसे देशों के सहयोग से कोरोना महामारी से निपटने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ-साथ कृषि, कर और श्रम क्षेत्र में किए गए सुधारों का भी जिक्र किया। करीब एक घंटे चली बैठक के दौरान दोनों देशों ने अपने संबंधों को हरित रणनीतिक साझीदारी के स्तर तक ले जाने का फैसला किया। इसका मकसद नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग के उल्लेखनीय विस्तार के लिए ढांचा तैयार करना है।
डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा कि ‘मेरे परिवार को बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। मेरी बेटी एक बार फिर भारत आना पसंद करेगी और मेरे परिवार का भी यही कहना है। उन्होंने कहा कि आज का शिखर सम्मेलन हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर है। हमें गर्व है कि जलवायु परिवर्तन की बात आते ही भारत डेनमार्क की तरफ देखता है।’ दोनों देशों ने काफी समय से लंबित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर विचार-विमर्श किया। बैठक में पुरुलिया में हथियार गिराने के मामले के साजिशकर्ता किम डेवी के प्रत्यर्पण का मामला भी उठा।