बिजली महंगी होने का एक और रास्ता खुला
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:विदेशी कोयले की खरीद को लेकर खड़ा हुआ बखेड़ा अभी शांत भी नहीं हुआ कि केंद्र सरकार ने आयातित कोयला आधारित बिजली इकाइयों को पूरी क्षमता पर चलाने का नया फरमान जारी किया है। केंद्र ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि इन बिजलीघरों से जिस राज्य के साथ बिजली खरीद का करार है, अगर वह नहीं खरीदता है तो उत्पादक अपनी महंगी बिजली पावर एक्सचेंज में बेच सकता है। इसका मुनाफा उत्पादक और पीपीए वाले राज्य के बीच बराबर बंटेगा।
ऊर्जा मंत्रालय की ओर से सभी विदेशी कोयला आधारित 17,600 मेगावाट क्षमता के 13 बिजलीघरों को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 11 के तहत अपनी इकाइयों को पूरी क्षमता पर पर चलाने का निर्देश जारी किया गया है। ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव घनश्याम प्रसाद की ओर से भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि अगर मंहगे विदेशी कोयले के कारण उनकी महंगी बिजली पीपीए वाला राज्य नहीं खरीदता है तो उसे पावर एक्सचेंज पर बेच सकते हैं। इसका मुनाफा पीपीए वाले राज्य व उत्पादक के बीच 50-50 प्रतिशत बंट सकता है। यानी केंद्र सरकार ने विदेशी कोयला आधारित परियोजनाओं के लिए बिजली दरें बढ़ाने का रास्ता खोल दिया है।