लखनऊ नगर निगम सबसे आगे
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:नगर निगम का बुलडोजर जब गुरुवार को अमीनाबाद हनुमान मंदिर परिसर में हुए अवैध निर्माण पर गरज रहा था, उस समय लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसरों को इसका मलाल भी दिखा। दरअसल, मलाल इस बात का था कि अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश प्राधिकरण ने दिया और कार्रवाई नगर निगम ने कर दी। प्राधिकरण के विहित न्यायालय ने 28 अप्रैल को ही अमीनाबाद हनुमान मंदिर की भूमि पर अवैध रूप से बनी 10 दुकानों को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे।विहित प्राधिकारी राजीव कुमार के आदेश के बाद अवैध निर्माण करने वाले अशोक पाठक व श्याम पाठक की ओर से उनके समर्थकों ने लालबाग स्थित प्राधिकरण कार्यालय आकर हंगामा काटा था।
विहित प्राधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि अशोक पाठक व श्याम पाठक वर्ष 2019 से अमीनाबाद में अवैध रूप से दुकानें बना रहे थे। तब 26 फरवरी 2019 को प्राधिकरण की ओर से कारण बताओ नोटिस भी दी गई थी। नोटिस के बाद भी 350 वर्गफीट क्षेत्रफल में छह दुकानों का अवैध निर्माण हो गया। करीब दो साल बाद चार मार्च 2021 को अशोक पाठक व श्याम पाठक की ओर से उनके अधिवक्ता ने जल्द अपना जवाब देने के लिए समय मांगा।
छह माह में विहित न्यायालय में आठ तिथियों पर भी अशाेक पाठक व श्याम पाठक की ओर से अवैध निर्माण की वैद्यता को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया था। प्राधिकरण ने 30 सितंबर 2021 को स्थलीय आख्या में पाया कि मंदिर परिसर में 350 वर्गफीट में छह दुकानों के अलावा 250 वर्गफीट में चार और दुकानों का अवैध निर्माण हो गया। लविप्रा ने 13 अक्टूबर 2021 को 10 अवैध दुकानों को सील कर अमीनाबाद पुलिस के सिपुर्द कर दिया। इसके बावजूद प्राधिकरण की सील को तोड़कर रात के समय अवैध निर्माण कराया गया। इस पर नगर निगम की रिपोर्ट के बाद प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण के आदेश दिए थे।