उत्तर प्रदेशराज्य

स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव गिरफ्तार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:भाजपा बगावत करने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का निजी सचिव अरमान खान अपने चार साथियों समेत गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अरमान गिरोह बनाकर प्रदेश भर के बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर ठगी कर रहा था। STF ने इन्हें लखनऊ से गिरफ्तार किया है।

नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से कर रहा था ठगी

STF के DSP दीपक सिंह ने बताया कि काफी समय से जानकारी मिल रही थी कि नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला एक गिरोह सक्रिय है। जिसमें पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का निजी सचिव अरमान खान, असगर अली, जमील, फैजी, विशाल गुप्ता, अमित राव, मुन्नवर, सैफी आदि शामिल हैं। जो बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। यह गिरोह अब तक करोड़ों रुपये का वारान्यारा कर चुका है। गुरुवार को पता चला कि अरमान खान, फैजी व विशाल SBI मेन ब्रांच से नेशनल पीजी कालेज जाने वाली रोड पर मौजूद है। जिनसे मिलने असगर अली व अमित राव आने वाले है। टीम पहुँची तो अरमान खान, फैजी व विशाल वहाँ मौजूद थे। थोड़ी देर बाद सफेद कलर की महिंद्रा एक्सयूवी 700 बिना नंबर की आयी जिसमें असगर व अमित मौजूद थे। पुलिस ने घेराबंदी करके सभी को पकड़ लिया।

फर्जी पास बनवाकर सचिवालय में एंट्री कराता था अरमान

पूछताछ में असगर अली ने बताया की देवरिया का रहने वाला है। आउट सोर्सिंग पर कई विभागों में कार्य किया है। सरकारी पत्र और विभागों की जानकारी रखता है। सचिवालय में अरमान के माध्यम से इसकी आसानी से पहुंच थी। इसके पास से अलग-अलग डेट के वाहन प्रवेश पास भी मिले हैं। लड़कों को अपने साथी जामिल के माध्यम से यही फसाता था। गोखरपुर, आजमगढ़, सुल्तानपुर, इलाहाबाद आदि जिला से लड़के इसे मिलते थे। उसने बताया कि अरमान पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का निजी सचिव रहा है, जिसका वेतन श्रम विभाग से मिलता था।

सरकारी विभागों में करवाते थे लड़कों की ट्रेनिंग

फैजी को अरमान के माध्यम से सचिवालय में डिजिटलाइजेशन का काम करने वाली कम्पनी UV tech में वेण्डर सप्लाई का काम मिला। यह प्राइवेट लड़कों के माध्यम से बाल विभाग, रेशम विभाग, खाद्य एवं रशद विभाग का डिजिटलाइजेशन पूर्ण कर चुका है। इसे भी सरकारी पत्रों की ठीक ठाक जानकारी थी। इसे सचिवालय परिसर में ही काम करने की जगह मिल गयी थी। जहां यह सब मिलकर ट्रेनिंग के नाम पर लड़को को रखते थे। सरकारी भवन में ट्रेनिंग होने से लड़के आसानी से विश्वास कर जाते थे। आरोपियों के पास से 7 मोबाइल फोन, 57 हस्ताक्षरशुदा चेक, 5 कूटरचित आईडी कार्ड, 22 फर्जी नियुक्ति पत्र, 14 व्यक्तियों के शैक्षिक प्रमाण-पत्र व अंक पत्र, 2 सचिवालय पास बरामद हुए हैं

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