अब दरवाजे पर मिलेगा पशुओं को इलाज
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश में पशुओं के इलाज के लिए पशुपालकों को भटकना नहीं पड़ेगा, बल्कि उनके दरवाजे पर ही इलाज अगले 100 दिनों में शुरू करने की तैयारी है। 520 मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट का संचालन शुरू होगा, इन यूनिटों के आनलाइन संचालन के लिए काल सेंटर 1962 की स्थापना की जाएगी।
निराश्रित पशुओं के संरक्षण के लिए नीति तैयार होगी, संरक्षण केंद्रों को स्वावलंबी बनाने व प्रदेश में गो अभ्यारण्य की स्थापना पर विशेष बल दिया जाएगा। इस समय 20 गोसंरक्षण केंद्रों का निर्माण हो रहा है, उसे पूरा कराकर पशुओं को संरक्षित किया जाएगा।संक्रामक पशु रोगों से बचाव के लिए 100 लाख टीकाकरण का कार्य पशुपालकों के दरवाजे किया जाएगा। उन्नत पशु प्रजनन के लिए गायों व भैंसों में 20 लाख कृत्रिम गर्भाधान का कार्य पूरा होगा। 90 प्रतिशत उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाली बछिया पाने के लिए एक लाख 10 हजार सेक्स्ड सीमेन का उत्पादन किया जाएगा।