उत्तर प्रदेशराज्य

‘राम’भक्ति में छिपे बड़े संकेत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आज सुबह शिवपाल सिंह यादव ने एक ट्वीट किया है, जिसने सियासी चर्चाओं को तेज कर दिया है। उन्होंने चैत्र नवरात्रि पर राम को याद किया है। साथ ही, लिखा है- भगवान राम का चरित्र ‘परिवार, संस्कार और राष्ट्र’ निर्माण की सर्वोत्तम पाठशाला है। इस भाषा को लेकर ही चर्चाएं गर्म हैं।

ट्वीट करके इशारों-इशारों में अखिलेश पर साधा निशाना

उन्होंने रामचरित मानस के जिस दोहे को ‘कोट’ किया है, उसमें राम के सुबह उठकर मां-पिता के चरण छूने और उनकी आज्ञा से काम करने का जिक्र है। यह एक जानी हुई बात है कि अखिलेश मुलायम से अधिक शिवपाल के साथ रहकर बड़े हुए। शायद शिवपाल की नाराजगी इस वजह से भी अधिक है कि सपा सुप्रीमो से उनका प्रेम भी अधिक था। प्रेम अपने साथ अपेक्षाएं तो लाता ही है। उम्मीद पूरी न हो, तो दिल टूटता ही है।

हाल ही में शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इसके बाद शिवपाल के बीजेपी में जाने की चर्चाएं भी शुरू हो गई थीं। उनकी नाराजगी की एक वजह तो नेता-प्रतिपक्ष न बनना है, दूसरे उनको अपने बेटे आदित्य यादव के सियासी भविष्य की भी चिंताएं हैं। वह भाजपा के नेताओं के संपर्क में हैं और सियासी गलियारों में बड़ी शिद्दत से उनके अगले कदम की चर्चाएं हो रही हैं।30 मार्च को शिवपाल यादव यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए उनके 5 कालिदास मार्ग स्थित आवास पहुंचे। शिवपाल आवास में पीछे वाले रास्ते से दाखिल हुए। करीब 35 मिनट शिवपाल और सीएम योगी की चर्चा हुई। इन 35 मिनट की उनकी मौजूदगी सियासी गलियारों में नए समीकरण को हवा दे गई।

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