35 विधान परिषद सदस्य का कार्यकाल …
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी में भाजपा या सपा जिस भी दल की सरकार बनेगी, इस बार एक बात और महत्वपूर्ण होगी कि वह दल शुरुआत से ही विधानसभा और विधान परिषद में भी बहुमत भी हासिल कर लेगा। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि जीते सदस्य अप्रैल में प्रस्तावित विधान परिषद की 36 सीटों के लिए होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

यूपी में आमतौर पर अब तक जिस भी दल की सरकार होती थी, स्थानीय निकाय क्षेत्र में उसी दल के अधिकतर सदस्य जीतकर आते थे। यहां बताना जरूरी है कि विधान परिषद में स्थानीय निकाय क्षेत्र के 35 सदस्यों का कार्यकाल सात मार्च को समाप्त हो गया है। अब 35 सीटों पर चुनाव के लिए 15 से 22 मार्च तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे और नौ अप्रैल को मतदान होगा।
सपा के 47 तो भाजपा के 36 है सदस्य
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही माना जा रहा है। ऐसे में सपा या भाजपा में से जिस भी दल की सरकार बनेगी, स्थानीय निकाय क्षेत्र में उसी दल के अधिकतर सदस्य चुनकर आएंगे। यूपी में सौ सदस्यों वाली विधान परिषद में अभी तक सपा के 47 सदस्य हैं, इनमें से सात सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।