उत्तर प्रदेश अव्वल ?
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में अभियोजन विभाग की सक्रियता के चलते दोषियों को सजा दिलाने का प्रतिशत बढ़ा है। महिला दिवस के अवसर पर गृह विभाग ने मंगलवार को महिला अपराध के मामलों में की जा रही कार्रवाई का ब्योरा साझा किया।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराधों में पुलिस व अभियोजन की प्रभावी पैरवी का परिणाम रहा कि वर्ष 2020 में आरोपितों को सजा दिलाने की दर पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर देश में सर्वाधिक उत्तर प्रदेश में 61 प्रतिशत रही।
जबकि उत्तराखंड में यह दर 41.8 प्रतिशत, राजस्थान में 47.5 प्रतिशत, झारखंड में 51 प्रतिशत, बिहार में 43.9 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 37.5 प्रतिशत व मध्यप्रदेश में 33.2 प्रतिशत रही। वहीं वर्ष 2019 में भी उत्तर प्रदेश महिला अपराध के मामलों में आरोपितों को सजा दिलाने में आगे था। वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश की दर 55.2 प्रतिशत थी।
जबकि उत्तराखंड में यह दर 50.6 प्रतिशत, राजस्थान में 45.5 प्रतिशत, झारखंड में 44.7 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 32.3 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 26.5 प्रतिशत व पंजाब में 23.1 प्रतिशत थी। इसके अलावा आइसीजेएस (इंटरओपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) में भी उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर 70 लाख से अधिक सूचनाएं दर्ज कर यूपी शीर्ष पर है।