उत्तर प्रदेशराज्य

पुष्पक एक्सप्रेस में जरा संभल कर करें यात्रा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:जिस वीआइपी ट्रेन पुष्पक एक्सप्रेस में रेलवे ने पिछले ही दिनों आधुनिक जर्मनी तकनीक की लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) वाली बोगियां लगायी थीं। उस एलएचबी रैक में इलेक्ट्रिक लाइन की फीटिंग में कई तरह की खामियां अब सामने आ रही हैं। स्लीपर क्लास में तो इलेक्ट्रिक बोर्ड के तार ही खुलने लगे हैं। यह बोर्ड साइड लोअर बर्थ के ऊपर लगाए गए हैं। जहां यात्रियों के सिर पर ही तारों का झुंड लटकता रहता है। पुष्पक एक्सप्रेस अब तक कनवेंशनल बोगियों के साथ दौड़ती थी।लखनऊ से मुंबई के बीच चलने वाली इस ट्रेन की डिमांड और इसकी सर्विस इतनी बेहतर थी कि ट्रेन को आइएसओ प्रमाण पत्र भी मिला था। हालांकि, बाद में मानक के अनुसार न होने के कारण आइएसओ ले लिया गया। पिछले साल भोपाल में कनवेंशनल रैक की स्लीपर क्लास बोगी एस-पांच बोगी की व्हील ट्राली टूट गई थी। इस कोच का हटा दिया गया। जबकि पूरे रैक को बदलने का आदेश रेलवे बोर्ड ने दे दिया था।

लखनऊ से मुंबई के बीच चलने वाली पुष्पक एक्सप्रेस की डिमांड और इसकी सर्विस इतनी बेहतर थी कि ट्रेन को आइएसओ प्रमाण पत्र भी मिला था।

बोर्ड के आदेश के बाद पुष्पक एक्सप्रेस को पिछले साल 30 अक्टूबर को एलएचबी कर दिया गया। साथ ही एसी थर्ड इकोनोमी क्लास की दो और बोगियां भी जोड़ दीं। ऐसे में अब एलएचबी के साथ दौड़ रही पुष्पक एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास की केवल पांच बोगियां ही बची हैं। इसकी स्लीपर बोगी एस-4 की साइड लोअर सीट संख्या 23 पर बोर्ड की वायरिंग कई दिनों से लटक रही है। तारों का झुंड यात्रियों को भी परेशान करता है।

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