यूक्रेन में फंसे भारतीयों को याद आईं सुषमा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया है। यूक्रेन की राजधानी कीव के उपर रूसी फाइटर प्लेन मंडरा रहे हैं। जगह-जगह बमबारी हो रही है। कई भारतीय छात्र अब भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। छात्रों के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि उनको वक्त रहने स्वदेश लाने का वैसा प्रयास नहीं किया गया जैसा पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समय में होता था। हालांकि, इस मामले में अब भारत सरकार सक्रिय हो गई है और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक हाई लेवल मीटिंग की है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय फंसे हुए हैं। इनमें से बड़ी संख्या मेडिकल स्टूडेंट्स की है। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र और यहां उनके परिजनों को ऐसे समय में सुषमा स्वराज और उनके काम करने का अलहदा तरीका याद आ रहा है। तब एक ट्वीट पर भारत का जहाज विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने पहुंच जाता था।विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्रालय का अर्थ बदल दिया था। वह 2014 से 2019 तक विदेश मंत्री रहीं। हाई प्रोफाइल और बड़े लोगों का मंत्रालय माना जाने वाले विदेश मंत्रालय को तब आम भारतीयों का मंत्रालय कहा जाने लगा था। जिसका मुख्य मकसद विदेशों में मुश्किलों का सामना कर रहे आम भारतीयों की मदद करना बन गया था। अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में सुषमा स्वराज ने 186 देशों में 90 हजार से अधिक भारतीयों तक मदद पहुंचाई थी।
अब तक क्या हुआ यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लाने के लिए
- PM मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात की
- PM मोदी ने हाई लेवल मीटिंग की। इसमें विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और NSA मौजूद रहे।
- अब तक 4 हजार लोग भारत लौटे
- 20 हजार भारतीय अब भी यूक्रेन में फंसे हैं
- इनको सीधे एयरलिफ्ट करने भी पर विचार
- फिलहाल भारतीयों को कीव से दूर किया जा रहा है
- पोलैंड से होकर भारतीयों को लाने के प्लान पर काम हो रहा है