केस को बताया पूर्व नियोजित साजिश, फंसे आशीष मिश्रा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में आठ लोगों की मौत के मामले की जांच कर रही टीम ने इसको पूर्व नियोजित साजिश माना है। टीम ने इस केस में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा मोनू के खिलाफ कई धारा में भी बदलाव किया है।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रही टीम का कहना है कि यह घटना एक पूर्व नियोजित साजिश थी, जिसमें आठ लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए। इस मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी ने भी माना है कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी। एसआईटी ने अब आरोपियों पर लगाई गई धाराएं भी बदल दी हैं। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और इस केस के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों पर अब गैर इरादतन हत्या की जगह हत्या का केस चलेगा।तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष आवेदन दायर किया है। इसके तहत 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों के अंतर्गत उनके अपराध को दंडनीय बनाने के लिए नई धाराओं को शामिल करने का अनुरोध किया गया है। इसको लेकर एसआईटी जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने पिछले हफ्ते सीजेएम की अदालत में आईपीसी की धारा 279, 338 और 304 ए की जगह वारंट में नई धाराएं जोड़ने के लिए आवेदन दायर किया है।