उत्तर प्रदेशराज्य

अब मैदान में गरजेगा रावण, आनलाइन होगी रामलीला

स्वतंत्रदेश,लखनऊ ;16वीं सदी में गोस्वामी तुलसी दास ने चारपाई पर ऐशबाग रामलीला की शुरुआत कर लक्ष्मण नगरी में रामलीला की नींव रखी थी। तब से लगातार रामलीला का मंचन शहर में हो रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल बाधित रही रामलीला इस बार नई गाइड लाइन के अनुरूप होगी। ऐशबाग रामलीला समिति के संयोजक आदित्य द्विवेदी ने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुरूप रावण अब मैदान में गरजेगा लेकिन मंचन आनलाइन ही होगा।

डालीगंज के मौसम गंज की रामलीला भी इस बार स्थाई मंच पर होगी।
 16वीं सदी में गोस्वामी तुलसी दास ने चारपाई पर ऐशबाग रामलीला की शुरुआत कर लक्ष्मण नगरी में रामलीला की नींव रखी थी।

डालीगंज के मौसम गंज की रामलीला भी इस बार स्थाई मंच पर होगी। निर्देशक शिव कुमार ने बताया कि रिहर्सल शुरू हो गई है। पांच अक्टूबर को भूमि पूजन के साथ छह से मंचन शुरू हो जाएगा। स्थाई मंच होने से कलाकारों को होने वाली परेशानी से निजात मिल जाएगी। हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक रामलीला की शुरुआत के लिए शेखावत अली ने अपनी जमीन दी थी तो सत्यनारायण उर्फ नारद बाबा ने वर्ष 1879 में शुरुआत की थी। सदर में गुरुचरण लाल रौनियार वैश्य ने वर्ष 1928 में सदर रामलीला की शुरूआत की थी। तब से लगातार प्रतिवर्ष यहां रामलीला हो रही है।

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