उत्तर प्रदेशलखनऊ

कॉलेज की छत गिरने के बाद भी नहीं चेते अधिकारी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ : राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में क्लास की छत गिरने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग हमें हड़कंप का माहौल देखने को तो मिला मगर चंद रोज ही न बीते थे कि जर्जर स्कूलों से जुड़ी फाइल फिर ठंडे बस्ते में चली गई। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नरही की कक्षाएं जियामऊ में स्थानांतरित होते ही विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जर्जर स्कूलों को लेकर की गई बयान बाजी भूल गए।

छत गिरने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग हमें हड़कंप का माहौल देखने को तो मिला मगर चंद रोज ही न बीते थे कि जर्जर स्कूलों से जुड़ी फाइल फिर ठंडे बस्ते में चली गई।

दरअसल अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने नरही के जीजीआईसी स्कूल में छत गिरने की घटना की रिपोर्ट सिर्फ एक घंटे में मांगी थी। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए जर्जर भवनों की सूची तैयार की जाने को कहा था। इसके बाद से ही शहर में अन्य जर्जर विद्यालयों को भी विभाग ने ढूंढना शुरू कर दिया। इसके तहत कुछ राजकीय इंटर कॉलेज बहुत ही जर्जर हालत में मिले हैं। विभागीय अधिकारियों ने ऐसे स्कूलों की सूची बनाकर शासन को भेज दी है। इन स्कूलो में राजकीय विद्यालय मलिहाबाद, राजकीय विद्यालय निशातगंज एवं राजकीय विद्यालय शाहमीना को जर्जर के रूप में चिन्हित किया है। उसके बाद से विभागीय स्तर पर आगे मेहनत करना मुनासिब नहीं समझा गया।पूर्व में भी इन विद्यालय को जर्जर बताया जा चुका है लेकिन विद्यालयों को ठीक कराने के लिए कदम नहीं उठाए गए। साफ है कि जिले स्तर के अधिकारी खानापूरी कर अपने स्तर से शासन को स्कूलों की सूची भेज देते हैं और उधर शासन स्तर पर बैठे अधिकारी इन सूची को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं, नतीजतन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नरही जैसी घटना देखने को मिलती हैं।

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