उत्तर प्रदेशराज्य

10 साल बाद भी निर्माण नहीं तो भूखंड के आवंटन होंगे निरस्त

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा गोमती नगर फेज 1, जानकीपरम, अलीगंज नगर के भूखंडों पर शिकंजा कसने जा रहा है। यह वह भूखंड हैं, जिन्होंने वर आवंटन तो करा लिया था, लेकिन निर्माण आज तक नहीं कराया। स्थलीय निरीक्षण के बाद ऐसे भूखंडों की संख्या चार सौ निकली है। इनका आवंटन निरस्त होगा या इन आवंटियों को अंतिम मौका दिया जाएगा, इसको लेकर लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी जल्द ही योजना देख रहे अफसरों के साथ बैठक करेंगे। यही नहीं लविप्रा उपाध्यक्ष ने अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा से योजना का संपूर्ण ब्योरा तलब किया है और इसकी फाइल भी उनके कैंप में पहुंच गई है।

    लखनऊ विकास प्राधिकरण गोमती नगर फेज 1 जानकीपरम अलीगंज नगर के भूखंडों पर शिकंजा कसने जा रहा है।

योजना में कुल 600 से अधिक भूखंड है। अफसरों के मुताबिक भूखंडों की फाइलें गायब हुई और फिर मिलना शुरू हुई। इनमें कई भूखंड अभी तक जांच में अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा को फर्जी मिल चुके हैं। इसी क्रम में जब जांचकर्ता अफसरों ने स्थलीय निरीक्षण शुरू करवाया तो स्थिति कुछ और सामने आयी।जांच कर रहे अफसरों ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर योजना में बीस फीसद के आसपास भूखंड खाली पड़े हैं। नियमानुसार आवंटन के तीन साल में निर्माण करवाना चाहिए। दो साल उपाध्यक्ष छूट दे सकता है और फिर आग्रह करने पर पांच साल के लिए और छूट लेवी जमा करने के बाद मिल सकती है। यह लेवी वर्तमान सर्किल रेट के हिसाब से आवंटी को जमा करनी होती है। इसके बाद लविप्रा आवंटन निरस्त कर सकता है। नियमानुसार अगर कार्रवाई करना चाहे तो लविप्रा आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई कर सकता है, लेकिन 600 भूखंड होने और व्यापारियों से जुड़ा होने के कारण लविप्रा सोच समझकर कदम उठाएगी।

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