पहली पाली में गणित के प्रश्नों में छूटा अभ्यर्थियों का पसीना, दूसरी पाली शुरू
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 36 केंद्रों पर शनिवार यानी आज पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई। सभी अभ्यार्थी निर्देश के बाद केंद्रों पर आधा घंटा पहले सुबह सात बजे से ही मास्क लगाए पहुंचे। शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखते हुए बनाए गए गोले में लाइन में लगे। ट्रेम्प्रेचर चेकिंग और हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही अभ्यर्थियों को प्रवेश मिला। पहली पाली शांतिपूर्ण संपन्न हो गई। प्रश्नपत्र में गणित और रसायन विज्ञान के कठिन प्रश्नों में अभ्यर्थियों का पसीना छूटा। कुल 100 प्रश्न पूछे गए। जिसमें 50 गणित, 25 भौतिक विज्ञान और 25 रसायन विज्ञान से थे। परीक्षा का समय सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक रहा। कोविड 19 और अधिक शारीरिक तापमान पाले अभ्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था अलग की गई। वहीं, दूसरी, पाली के लिए अभ्यार्थी केंद्रों पर जमा हो चुके हैं। बता दें, सूबे में 928 केंद्रों पर करीब पौने चार लाख अभ्यार्थी परीक्षा देगें।
अमीनाबाद इंटर कॉलेज से परीक्षा देकर निकले सीतापुर सिधौली निवासी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि पहली पाली के प्रश्नपत्र में गणित और रसायन विज्ञान के प्रश्न काफी कठिन थे। कुल 100 प्रश्न पूछे गए थे। पेपर कठिन होने के कारण वह तीन घंटों में 73 प्रश्नों के ही उत्तर दे सकें। बाकी के प्रश्न छूट गए। रसायन विज्ञान में संवेग से संबंधित कई प्रश्न थे जो कठिन रहें। वहीं, छठा मिल निवासी यश श्रीवास्तव ने बताया कि गणित के सवाल भी काफी कठिन थे। गणित में सबसे अधिक प्रश्न सांख्यिकी, सर्किल और त्रिभुज से संबंधित थे।
वहीं, जगइपुर महमूदाबाद से परीक्षा देने आए प्रशांत वर्मा ने बताया कि प्रश्नपत्र कठिन रहा। भौतिक विज्ञान से ही कुछ प्रश्न सरल थे। जबकि गणित और रसायन विज्ञान के कठिन रहें। मानकनगर रेलवे इंटर कॉलेज से परीक्षा देकर निकले सुल्तानपुर निवासी अभिषेक साहू ने बताया कि 400 अंकों का प्रश्नपत्र था। 100 में से मैं 70 ही प्रश्नों के उत्तर दे सका। पेपर ठीक रहा। परीक्षा केंद्र प्रवेश से लेकर छूट्टी के बाद और कक्ष के अंदर बैठने की व्यवस्था में शारीरिक दूरी का काफी ध्यान रखा गया। प्रवेश के समय कॉलेज के गेट पर खड़े गार्ड थर्मल स्कैनर से ट्रेम्परेचर जांच करने के बाद ही अंदर अभ्यर्थियो को प्रवेश दे रहे थे। इसके बाद अंदर के गेट पर एक युवक फेस शील्ड लगाकर बैठा सभी अभ्यर्थियों के बारी-बारी से हाथ सैनिटाइज करा रहा था।
कृष्णानगर से परीक्षा देने आयीं शिवानी उपाध्याय ने बताया कि लॉकडाउन से लेकर अबतक तैयारी के लिए चार माह से अधिक समय तैयारी के लिए मिल गया। इसके कारण तैयारी काफी अच्छी हो सकी। जबकि बीते सालों में प्रवेश परीक्षा अप्रैल में ही होती थी। इस बार कोराना काल में लॉकडाउन के चलते शिक्षण संस्थान बंद रहें। परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। जिसके कारण सभी अभ्यर्थियों को तैयारी का अच्छा मौका मिल गया। शिवानी ने कहा कि उनका प्रश्नपत्र अच्छा हुआ।