करोड़ों की ठगी की जांच करेगी क्राइम ब्रांच
स्वतंत्रदेश,लखनऊ: 759 कार चालकों को मालिकाना हक का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये ठगने वाली ओला फ्लीट कंपनी के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी। चालकों ने विभूतिखंड थाने में कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने जांच कर रही पुलिस टीम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर से जांच क्राइम ब्रांच से कराने का आग्रह किया था। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर मामले की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई। एडीसीपी पूर्वी सैय्यद मोहम्मद कासिम आब्दी ने इसकी पुष्टि की।
हालात सामान्य होने पर बीते 27 जुलाई को चालकों ने पड़ताल की तो पता चला कि ओला कंपनी गाड़ियों की नीलामी महेंद्रा फस्ट च्वाइस कंपनी के साथ मिलकर करने जा रही है। चालकों ने कंपनी के अधिकारियों से मुलाकात कर विरोध किया तो उन्होंने सुनवाई नहीं की। चालकों ने उन्नाव जिला प्रशासन से न्याय की गुहार की। इसके बाद एसडीएम सोहरामऊ से मिले। उन्होंने नीलामी पर रोक लगा दी। इसके बाद चालकों ने पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों मुलाकात कर अपनी पीड़ा सुनाई। मामले की जांच हुई। चालकों का पक्ष सही पाया गया। चालकों की तहरीर के आधार पर ओला फ्लीट टेक्नोलाजी और महेंद्रा फस्र्ट च्वाइस कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। गंगा राम भक्त का आरोप है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद से जांच में लगे विभूतिखंड थाने के पुलिस कर्मी लापरवाही और सिथिलता बरत रहे थें। इसके बाद पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से मुलाकात कर प्रार्थनापत्र दिया गया और जांच क्राइम ब्रांच से कराने का आग्रह किया गया था।