उत्तर प्रदेशराज्य

अगस्त के वेतन से महंगाई भत्ते का नकद भुगतान

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :पिछले 19 महीने से महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) बढ़ने का इंतजार कर रहे 16 लाख राज्य कर्मचारियों और 11.5 लाख सिविल व पारिवारिक पेंशनरों की मुराद पूरी हो गई है। उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को बीती पहली जुलाई से 11 फीसद की बढ़ी दर से डीए और पेंशनरों को डीआर देने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिलने के बाद वित्त विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई से 28 फीसद की दर से डीए व डीआर मिलेगा। अभी उन्हें 17 फीसद की दर से यह भुगतान हो रहा था।

उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को बढ़ी दर से डीए का नकद भुगतान अगस्त माह के वेतन के साथ होगा।

 बढ़े डीए का लाभ राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी निकायों के नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों और यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों को मिलेगा, जिनकी कुल संख्या लगभग 16 लाख है।

जुलाई के बढ़े डीए की रकम जीपीएफ में : राज्य कर्मचारियों को बढ़ी दर से डीए का नकद भुगतान अगस्त माह के वेतन के साथ होगा। जुलाई के बढ़े डीए की रकम उनके भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते में जाएगी जिसे वे 31 जुलाई, 2022 तक नहीं निकाल सकेंगे। पेंशनरों को बढ़े डीआर का नकद भुगतान होगा। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के दायरे में आने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के टियर-1 पेंशन खाते में जुलाई के बढ़े डीए के 10 फीसद के बराबर रकम जमा की जाएगी। राज्य सरकार/नियोक्ता की ओर से जुलाई के एरियर के 14 फीसद के बराबर अंशदान टियर-1 पेंशन खाते में जमा किया जाएगा। जुलाई के बढ़े डीए की 90 फीसद रकम संबंधित कार्मिक को नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के रूप में दी जाएगी।

डीए-डीआर बढ़ाने पर पिछले साल लगी थी रोक : कोरोना महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र की तर्ज पर पहली जनवरी, 2020 से बीती 30 जून तक राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों को बढ़ी दर से महंगाई भत्ता (डीए) और पेंशनरों को महंगाई राहत (डीआर) के भुगतान पर पिछले साल 24 अप्रैल को शासनादेश जारी कर रोक लगा दी थी। इस वजह से राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को दिये जाने वाले डीए व महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भुगतान नहीं किया गया है।

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