उत्तर प्रदेशराज्य

श्मशान में रहने को मजबूर परिवार

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :यूपी में बाढ़ की विभीषिका कम नहीं हुई है। अभी 1 हजार से ज्यादा गांव पानी में डूबे हैं। 5 लाख से ज्यादा की आबादी सड़क पर आ गई है। हालांकि, कई जिलों में अब नदियों का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन अभी राहत नहीं मिली है। जिन गांवों में पानी उतर गया है। वहां दलदल और कीचड़ ने जीना मुहाल किया है।

                                                  24 जिलों के 1,171 गांव बाढ़ में डूबे

इटावा: श्मशान घाट में पनाह ली परिवार ने
इटावा के चकरनगर तहसील में डिभौली गांव में ज्ञान सिंह का परिवार श्मशान घाट पर रहने को मजबूर है। ज्ञान सिंह बताते हैं कि खेतों के पास हमारा कच्चा घर है। अचानक रात में बाढ़ का पानी घर में घुस गया। इसकी वजह से हमें घर छोड़कर श्मशान में शरण लेनी पड़ी। उन्होंने बताया कि उनके 5 बच्चे हैं। मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं। बाढ़ में उनकी गृहस्थी का काफी सामान बह गया है। दो बकरियां भी डूब गईं हैं।

ऐसा ही हाल इटावा में कई परिवारों का है। इटावा की दो तहसील चकरनगर और बढ़पुरा ब्लॉक में 60 से ज्यादा परिवार पलायन कर ऊंचे स्थानों पर पहुंच गए हैं। कुछ परिवार राहत शिविरों में हैं तो कई टेंट में जिंदगी गुजार रहे हैं। चंबल नदी का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन अभी ग्रामीण जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है।

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