उत्तर प्रदेशराज्य

कारगर कोरोना वैक्‍सीन की काकटेल डोज

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :यूपी के सिद्धार्थ नगर के शोहरतगढ़ तहसील में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड की और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई थी। इसका प्रभाव जानने के लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के निर्देश पर क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र  ने 18 लोगों नमूने लेकर जांच के लिए भेजा था। जांच नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी पुणे में हुई। रिपोर्ट आ चुकी है। यह पता चल चुका है कि इनमें एंटीबाडी पर्याप्त बनी है। लेकिन एंटीबाडी कब तक बनी रहेगी, इसकी जांच के लिए 90 दिन, 180 दिन व 365 दिन पर भी नमूने लिए जाएंगे। 90 दिन में अभी 35 दिन शेष हैं।

यूपी के सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड की और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई थी।

एक वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों से हो सकेगी काकटेल की तुलना

काकटेल डोज वालों में जब एंटीबाडी की जांच शुरू हुई तो यह सवाल भी पैदा हुआ कि किस आधार पर तय किया जाएगा कि नियम के अनुसार एक ही वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों से इनकी प्रतिरोधक क्षमता कितनी कम या ज्यादा है। इसलिए कोविशील्ड व कोवैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले 40-40 लोगों के भी नमूने लिए गए। इनके भी 90 दिन, 180 दिन व 365 पर पुन: नमूने लिए जाएंगे। ताकि पता चल सके कि तीनों समूहों में कितने दिन तक तथा कितनी मात्रा में कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी बन रही है। इनके सबसे पहले नमूने चार व 11 जून को लिए गए थे।

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