उत्तर प्रदेशराज्य

पूरे प्रदेश में होगा सुवर्ण प्रशासन संस्कार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने बड़ी तैयारी की है। संघ के अनुषांगिक संगठन आरोग्य भारती ने पूरे देश में बच्चों का सुवर्ण प्राशन संस्कार कराएगा। लखनऊ में पायलट प्रोजेक्ट के तहत बीते 11 जुलाई को इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत एक साल से लेकर 12 साल की उम्र तक के बच्चों को इम्युनिटी की डोज दी जाएगी। सुवर्ण प्राशन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

                 लखनऊ में एक बच्चे को सुवर्ण प्राशन की ड्राप पिलाते मंत्री बृजेश पाठक।

सुवर्ण प्राशन संस्कार हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में से एक है। बच्चों के जन्म के बाद सोना या चांदी की चम्मच (सली) से बच्चे की जिह्वा पर शहद चटाने की परंपरा रही है। बदलते दौर में संघ ने इसी परंपरा में थोड़ा बदलाव करते हुए अब बच्चों आयुर्वेदिक औषधि सुवर्ण प्राशन की दो बूंद पिलाएगा। स्वर्ण प्राशन शुद्ध स्वर्ण, आयुर्वेद की कुछ औषधियां, गाय का घी और शहद के मिश्रण से बनाया गया है। इसे 1 साल से 12 साल की उम्र को बच्चों को दी जाएगी, ताकि उनकी रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाए। कोरोना की वैक्सीन भी शरीर की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाता है। बच्चों के लिए यह सुवर्ण प्राशन वही काम करेगा।

विशेष नक्षत्र में बच्चों को दी जाएगी ‘दो बूंद इन्यूनिटी की’
आरएसएस की स्वास्थ्य इकाई ‘आरोग्य भारती’ बच्चों को यह ड्राफ पिलाने के लिए नक्षत्र का चयन किया है। हर महिने के ‘पुष्य नक्षत्र’ में ही बच्चों को ह औषधि पिलाई जाएगी। जुलाई महीने में यह नक्षत्र 11 जुलाई को था, लिहाजा राजधानी लखनऊ में करीब 4000 बच्चों को इम्यूनिटी की यह डोज दी गई। आरोग्य भारती से जुड़े संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि अब अगली डोज 7 अगस्त को ही दी जा सकेगी, क्योंकि अगस्त महिनें में 7 तारीख को ही पुष्य नक्षत्र है।

गुजरात से लाया जा रहा है सुवर्ण प्राशन
आरोग्य भारती की ओर से बताया गया है कि यह दवा गुजरात से लाई जा रही है। गुजरात में बड़े पैमाने पर सुवर्ण प्राशन का निर्माण होता है।सबसे खास बात इसकी शुद्धता की होती है। इसे बच्चों को पिलाना है, लिहाजा मानकों से समझौता किसी भी कीमत पर भी नही किया जा सकता। गुजरात से आने वाली इस औषधि की शुद्धता की गारंटी है।

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