उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी सरकार पर जमकर बरसीं प्रियंका वाड्रा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ । खामोशी शब्दों से ज्यादा बोलती है। कुछ ऐसा ही मानते हुए कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने पंचायत चुनाव में योगी सरकार की कथित अराजकता के विरोध को मौन अभिव्यक्ति दी। डेढ़ साल बाद शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचीं प्रियंका हजरतगंज के जीपीओ पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पंचायत चुनाव में हुई जोर जबर्दस्ती और अराजकता के खिलाफ मौन धारण कर धरने पर बैठ गईं। तकरीबन पौने दो घंटे धरने पर बैठने के बाद वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहुंचीं जहां उन्होंने अपनी चुप्पी मीडिया के सामने तोड़ी। यह कहते हुए कि यह मौन देश व प्रदेशवासियों का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करने के लिए था कि उत्तर प्रदेश में संविधान नष्ट हो रहा है, लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है। वह लोकतंत्र के पक्ष में और जनता के समर्थन में बोलने आयी हैं।

            पंचायत चुनाव में हुई जोर जबर्दस्ती और अराजकता के खिलाफ मौन धारण कर धरने पर बैठ गईं।

 

अहिंसा के पुजारी और सविनय अवज्ञा के नायक राष्ट्रपिता के प्रतिमा स्थल पर मौन धरना देकर प्रियंका ने प्रतीकात्मक रूप से सियासी संदेश दिया। उनका यह संदेश इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया, क्योंकि गांधी प्रतिमा स्थल के बेहद करीब सड़क के उस पार भाजपा के प्रदेश कार्यालय में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक चल रही थी, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिरकत कर रहे थे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में प्रियंका वाड्रा ने कहा कि गुरुवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बहुत अच्छा काम करने का प्रमाणपत्र दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब उप्र में विकासवाद चल रहा है। प्रियंका ने सवाल किया कि यह कैसा विकासवाद है कि कोरोना की दूसरी लहर में सरकार ने पंचायत चुनाव कराये, जिसमें भारी तादाद में लोग संक्रमित हुए और बड़ी संख्या में शिक्षकों ने जान गंवाई।

प्रियंका ने कहा कि सरकार ने चुनाव इसलिए कराया, क्योंकि उसे लगता था कि वह जीतेगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख चुनावों में उसने हिंसा फैला दी। पुलिस ने उम्मीदवारों को उठाया, प्रत्याशियों के नामांकन पत्र फाड़े गए। प्रशासन उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को धमकाता रहा, महिलाओं को मारा-पीटा गया, उनके वस्त्र खींचे गए। गोलियां-बम चले। जब से यह सरकार आयी है, लोकतंत्र पर ऐसे वार हो रहे हैं। लोकतंत्र को नष्ट करने की पूरी कोशिश हो रही है। सरकार सोच रही थी कि जनता चुप रहेगी और विपक्ष भी, लेकिन हम इसके खिलाफ आवाज उठाने आए हैं।

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