कांवड़ यात्रा के लिए जरूरी RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :कांवड़ यात्रा के साथ ही योगी सरकार कोरोना संक्रमण को लेकर भी गंभीर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि पारंपरिक कांवड़ यात्रा कोरोना प्रोटाकाल का पालन करते हुए ही निकाली जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि दूसरे राज्यों से आने वाले कांवड़ यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता पर विचार-विमर्श कर निर्णय लें और दिशा-निर्देश जारी करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर विभिन्न बिंदुओं के साथ ही 25 जुलाई से शुरू होने जा रही कांवड़ यात्रा को लेकर भी चर्चा की। अधिकारियों से यात्रा की तैयारियों के संबंध में जानकारी लेने के साथ ही निर्देशित किया कि कांवड़ यात्रा से किसी भी तरह का संक्रमण का खतरा नहीं होना चाहिए। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के सक्षम अधिकारियों से बात कर ली जाए। समन्वय बनाते हुए यात्रा को लेकर दिशा-निर्देश जारी करें। साथ ही कांवड़ यात्रा के लिए अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू करने पर भी विचार विमर्श कर लें।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी सुझाव दिया है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचने के लिए तीर्थ और पर्यटन पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए। संभव है कि इसे देखते हुए भी सरकार चाहती है कि कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट वालों को ही कांवड़ यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
यह होगा रूट
प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी के कांवडिय़े आमतौर पर बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए जाते हैं। उनका रूट दारागंज, संगम से हंडिया, गोपीगंज और औराई होते हुए रहता है। इसी वजह से प्रयागराज में झूंसी स्थित शास्त्री पुल पर माह भर ट्रैफिक वन वे रहता जाता है।