उत्तर प्रदेशराज्य

बदहाल पड़े रेन वाटर हार्वेटिंग के मौजूदा स्ट्रक्चर

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :सूखते भूजल भंडारों को बचाने की कोशिश में प्रदेश सरकार द्वारा सूबे में दो लाख सरकारी व गैर सरकारी भवनों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्‍टिंग प्रणाली स्थापित करने का अहम फैसला लिया गया है, लेकिन विगत एक दशक के दरम्यान तमाम सरकारी भवनों में स्थापित रीचार्ज प्रणालियां देखरेख और अनुरक्षण के अभाव में बदहाल हैं।

लखनऊ के सरकारी भवनों में स्थापित रीचार्ज प्रणालियां देखरेख और अनुरक्षण के अभाव में बदहाल हैं।

लखनऊ शहर को ही लें, तो यहां करीब 300 सरकारी भवनों में स्थापित रीचार्ज सिस्टम के हाल बेहाल है। अधिकतर के रीचार्ज चेंबर गंदगी से पटे हैं, वहीं रीचार्जिंग के लिए बनाई गई बोरिंग और फिल्टर चेंबर चोक हैं। विगत 15 वर्षों में मुख्य सचिव व अन्य उच्चाधिकारियों के स्तर से सरकारी भवनों पर स्थापित रीचार्ज प्रणालियों के रखरखाव के लिए एक के बाद एक शासनादेश जारी किए गए, लेकिन संबंधित महकमों द्वारा पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।

लखनऊ में मंडलायुक्त कार्यालय, कलेक्ट्रेट, नगर निगम भवन, सचिवालय (लाल बहादुर शास्त्री भवन), बापू भवन, जवाहर भवन, विकास भवन, राजकीय पॉलीटेक्निक, महिला पॉलीटेक्निक, बलरामपुर अस्पताल, हाई कोर्ट पुराना भवन, केंद्रीय भवन अलीगंज, आंचलिक विज्ञान केंद्र, लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी, लाप्लास कालोनी, दिलकुशा कालोनी, गुलिस्ता कालोनी, लखनऊ विश्वविद्यालय सहित अनेक सरकारी भवनों में यह प्रणाली काफी समय से स्थापित है, लेकिन रखरखाव न होने से स्ट्रक्चर की स्थिति काफी खराब हो गई है।

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