उत्तर प्रदेशराज्य

हाई कोर्ट में आज से सुनवाई की नई व्यवस्था

लखनऊ,स्वतंत्रदेश :वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान प्रदेश में लम्बे समय काफी धीमी पड़ी न्यायिक प्रक्रिया को गति प्रदान की जा रही है। सोमवार से इलाहाबाद हाई कोर्ट के साथ ही लखनऊ बेंच में सुनवाई के लिए आज से नई व्यवस्था लागू होगी। इसके तहत ऑड और ईवन फॉर्मूला फार्मूले के तहत केस की सुनवाई होगी। सुनवाई के इस फॉमूला का हाई कोर्ट बार एसोसिएशन विरोध भी कर रहा है।

सोमवार से इलाहाबाद हाई कोर्ट के साथ ही लखनऊ बेंच में सुनवाई के लिए आज से नई व्यवस्था लागू होगी।

कोरोना वायरस संक्रमण की पहली तथा दूसरी लहर के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी महत्वपूर्ण केसों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की गई। अब हालात सामान्य होने पर कोर्ट में केस की सुनवाई होगी। अभी भी भीड़ कम करने के लिए कार्यवाहक चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति एमएन भंडारी ने नया फॉर्मला लागू कर दिया है। जिसके तहत इलाहाबाद हाई कोर्ट तथा लखनऊ बेंच में ऑड और ईवन फॉर्मूला के तहत सुनवाई होगी। इसमें भी अब विशेषाधिकार के तहत न्यायमूर्ति गण किसी भी केस को सुन सकते हैं।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन कर रहा विरोध

इस नई व्यवस्था का विरोध शुरू हो गया है। कांस्टीट्यूशनल एंड सोशल रिफार्म के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी का कहना है कि बार एसोसिएशन को विश्वास में लेकर ही सुनवाई प्रक्रिया तय कर न्याय देना उचित होगा। दाखिले की अवधि के अनुसार केस लगाए जाएं और कोर्ट निर्धारित अवधि तक बैठे। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा का कहना है कि इस नियम से बार-बेंच का मधुर रिश्ता बेमानी हो गया है। बिना बार एसोसिएशन को विश्वास में लिए नित नये प्रयोग किए जा रहे हैं। यहां हर चीफ जस्टिस नया प्रयोग करते हैं, यह उचित नहीं है। इधर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्रनाथ सिंह का कहना है कि मुकदमों की सुनवाई में आड-इवन फार्मूले का विरोध किया जाएगा। वकीलों को लिंक नहीं मिल रहा, महीनों पहले दाखिल मुकदमे कब सुने जाएंगे तय नहीं है। नया फार्मूला पहले से परेशान वकीलों की मुश्किल बढ़ाएगा। बार एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव (प्रशासन) संतोष कुमार मिश्र कहते हैं कि हाई कोर्ट का रोस्टर भी कोरोना वेरिएंट की तरह रोज बदल रहा है। एक परेशानी खत्म होती है तो अगले दिन दूसरी शुरू हो जा रही है। एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल तिवारी का कहना है कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व वरिष्ठ अधिवक्ताओं से परामर्श करके मुख्य न्यायाधीश को उचित निर्णय लेना चाहिए।

कोरोना से मृत एजीए की पत्नी का रिकार्ड ही गायब

इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपर महाधिवक्ता अश्विनी त्रिपाठी की पत्नी अन्नपूर्णा त्रिपाठी का 27 अप्रैल को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) में निधन हो गया था। कोरोना संक्रमण से मृत अन्नपूर्णा त्रिपाठी का डेथ सर्टिफिकेट अभी तक उनके परिवार के लोगों को नहीं मिला है। उनको 26 अप्रैल को अस्पताल में कराया गया भर्ती। अश्विनी त्रिपाठी का कहना है कि तीन दिन बाद एप्लीकेशन ली गई लेकिन सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। लिपिक का कहना है कि अस्पताल में उनका कोई रिकार्ड ही नहीं है।

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