उत्तर प्रदेशराज्य

रोजी-रोटी के लिए बड़े शहरों में जाने लगे प्रवासी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :बुधवार को शाम 4.15 बजे के आसपास प्लेटफार्म नंबर नौ पर गोरखधाम स्पेशल खड़ी थी। जनरल कोच के सामने कुशीनगर के राघव और उमेश उदास बैठे थे। घर छोड़ने का गम चेहरे पर साफ झलक रहा था। पूछने पर राघव बोले। काम की तलाश में दिल्ली होते हुए हरियाणा जाएंगे। जाने का मन तो नहीं कर रहा, लेकिन बेटी की शादी करनी है। नहीं जाएंगे तो उसके हाथ पीले नहीं कर पाएंगे। थोड़ी दूरी पर खड़े श्याम जीत ने कहा, घर नहीं छोड़ेंगे तो धान की रोपाई भी नहीं हो पाएगी। मैं जुलाई में जाने वाला था। लेकिन दिल्ली की पेंट कंपनी बुला रही है। जाएंगे तो खेतीबारी हो जाएगी।

कोरोना काल में घर आए प्रवासी मजदूर रोजी- रोटी की तलाश में फिर से दिल्ली पंजाब हरियाणा महाराष्ट्र और गुजरात वापस होने लगे हैं

यह व्यथा सिर्फ राघव, उमेश या श्यामजीत की ही नहीं है। बल्कि पूर्वांचल और बिहार के हजारों उन कामगारों की है। जो कोरोना संक्रमण के डर, पंचायत चुनाव और वैवाहिक कार्यक्रमों के चलते घर आ गए थे। लेकिन अब उनकी गृहस्थी नहीं चल पा रही। खेतीबारी पर संकट गहराने लगा है। ऐसे में वे अब रोजी- रोटी की तलाश में फिर से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात वापस होने लगे हैं। कुछ ट्रेन से जा रहे तो कुछ कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो बस से ही चल दे रहे रहे हैं। दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनों के कंफर्म टिकट के लिए मारामारी मची हुई है।

चलने लगीं एसी बसें, बढ़ने लगी प्रवासियों की भीड़

रेलवे स्टेशन ही नहीं रोडवेज बस डिपो में भी बाहर जाने वाले प्रवासियों की भीड़ बढ़ने लगी है। गर्मी में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गोरखपुर और लखनऊ के बीच सामान्य के अलावा एसी बसें भी चलने लगी हैं। गोरखपुर से लखनऊ के बीच दो जगह आधा दर्जन से अधिक बसें चल रही हैं। गोरखपुर से रोजाना दर्जन भर बसें कौशाबी और गाजियाबाद तक पहुंच रही हैं।

गोरखपुर से आनदंविहार के बीच चलेगी स्पेशल

यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर से आनंदविहार के बीच एक जोड़ी स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार इस ट्रेन में भी आरक्षित कोच ही लगेंगे। कंफर्म टिकट पर यात्रा होगी। कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य होगा।

यात्रियों की पीड़ा

किसी को अपना गांव, घर छोड़ने का मन नहीं करता। मजबूरी में ही लोग जाते हैं। संक्रमण बढ़ने पर घर आ गया था। अब फिर रोजी-रोटी की तलाश में हरियाणा जा रहा हूं।

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