उत्तर प्रदेशराज्य

ब्लैक फंगस का बढ़ रहा प्रकोप

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :राजधानी लखनऊ में ब्लैक फंगस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इसके 13 मरीज केजीएमयू और तीन लोहिया संस्थान में भर्ती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक मरीजों की हालत में कुछ सुधार है। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक ब्लैक फंगस के 13 मरीजों में से सात अभी तक कोरोना की जद में है।

वहीं, छह मरीज कोरोना को मात देने बाद इसकी चपेट में आए हैं। कोई भी मरीज यहां इलाज के दौरान इस वायरस की चपेट में नहीं आया है। लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह के मुताबिक ब्लैक फंगस के तीनों मरीजों की हालत स्थिर है।

नए ऑक्सीजन मास्क का करें इस्तेमाल
केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग के डॉ. संजीव कुमार गुप्ता के मुताबिक ब्लैक फंगस के चपेट में आने की पहली वजह संक्रमित ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल होना है। ऐसे में हर मरीज को नया मास्क प्रयोग करना चाहिए। डायबिटीज के मरीज कोरोना की चपेट में आने के बाद डॉक्टर की सलाह पर ही स्टेरॉयड लें। डायबिटीज मरीजों में पहले से रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। स्टेरॉयड से प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इससे ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है।

कोरोना मात देने बाद करता है अटेक
डॉ. संजीव के मुताबिक कोरोना को हराने के 14 से 15 दिन बाद ब्लैक फंगस के मामले देखे जा रहे हैं। हालांकि, कुछ मरीजों में पॉजिटिव होने के दौरान भी यह पाया गया है। यह बीमारी सिर्फ उन्हें  होती है जिनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।

एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि ब्लैक फंगस को लेकर घबराए नहीं और इलाज कराएं। यह फंगस नस ब्लॉक कर देता है, जिससे टिश्यू मरने लगते हैं। ब्लॉकेज वाले स्थान के आगे खून की सप्लाई बंद हो जाती है, जो दवा देने पर भी आगे नहीं बढ़ती। ऐसे में सर्जरी करनी पड़ती है। यह फंगस हवा में रहते हैं, जो सांस के जरिये हमारी नाक से होते हुए साइनस और फेफड़ों तक भी पहुंच जाते हैं। ब्लैक फंगस की पहचान के लिए कंट्रास एमआरआई की जरूरत पड़ती है। यह फंगस, चेहरे, नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उसे नष्ट कर देता है। इससे मौत का भी खतरा रहता है।

इन मरीजों को बरतनी होगी खास सावधानी
1- कोविड इलाज के दौरान जिन्हें स्टेरॉयड दवा जैसे, डेक्सामिथासोन, मिथाइल प्रेडनिसोलोन इत्यादि दी गई हो।
2- जिन कोविड मरीजों को ऑक्सीजन पर या आईसीयू में रखना पड़ा हो।
3. डायबिटीज का अच्छा नियंत्रण ना हो।
4. कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दवा चल रही हो।

लक्षण दिखें तो तुरंत लें डॉक्टरी सलाह
1. बुखार आ रहा हो, सर दर्द हो रहा हो, खांसी हो, सांस फूल रही हो।
2. नाक बंद हो। नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो।
3. आंख में दर्द हो। आंख फूल जाए, एक वस्तु दो दिख रही हो या दिखना बंद हो जाए।
4. चेहरे में एक तरफ दर्द हो। सूजन हो या सुन्न हो।
5. दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगे, चबाने में दर्द हो।
6. उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आए।

 

 

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