सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित पांच शहरों में 19 अप्रैल की रात से लॉकडाउन के इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर देश की शीर्ष अदालत ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाकर उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर तत्काल रोक लगाने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए सभी कदम की दो हफ्ते में रिपोर्ट भी मांगी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में स्थिति बदतर होते देख लखनऊ, कानपुर शहर, प्रयागराज, वाराणसी तथा गोरखपुर में लॉक डाउन का निर्देश दिया था। इसके विरोध में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। एसजी तुषार मेहता ने उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया था।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में बेहद खतरनाथ ढंग से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर में 19 अप्रैल की रात से 26 अप्रैल तक आवश्यक सेवा को छोड़कर लॉकडाउन का निर्देश दिया था।
योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रवक्ता ने हाई कोर्ट के इस निर्देश को मानने से सरकार के साफ इनकार करने के निर्णय के साथ ही अवगत कराया कि सरकार लॉकडाउन को लेकर बेहद गंभीर है। लोग स्वेच्छा से जगह-जगह पर प्रतिष्ठान व बाजार बंद कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार ने इन पांच शहरों के साथ अन्य दस जगह पर रात आठ बजे से अगली सुबह सात बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा रखा है।
हाई कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह निर्देश कार्यपालिका के क्षेत्र में अतिक्रमण है। सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण काल में बेहतर से बेहतर करने का प्रयास कर रही है। अगर सरकार को लगता है कि बिना लॉकडाउन के बात नहीं बनेगी तो लॉकडाउन भी होगा। जैसा पहले भी किया गया था।