रोहित शर्मा को चुन रहे थे चयनकर्ता
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :भारत की 2011 की विश्व कप विजेता टीम की चयन समिति के सदस्य राजा वेंकट ने दस साल के बाद एक खुलासा किया है। राजा वेंकट ने बताया है कि भारतीय टीम मौजूदा समय के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में शुमार रोहित शर्मा को टीम में रखना चाहते थे, लेकिन टीम मैनेजमेंट के कहने पर किसी और खिलाड़ी का चयन किया गया था। 62 वर्षीय राजा वेंकट ने बताया है कि कैसे कृष्णमाचारी श्रीकांत के नेतृत्व वाली चयन समिति को रोहित शर्मा को अपनी योजनाओं से बाहर करना पड़ा और 2011 के टूर्नामेंट के लिए लेग स्पिनर पीयूष चावला को चुनना पड़ा।
अखबार मिड-डे को दिए इंटरव्यू में राजा वेंकट ने बताया कि विश्व कप टीम को चुनना बड़ी जिम्मेदारी थी, लेकिन यह उतना मुश्किल नहीं था। उन्होंने बताया, “टीम चुनना मुश्किल नहीं था, क्योंकि हमने इसकी योजना पहले से ही बना रखी थी। टीम कमोबेश वही थी जो खेलते हुए आ रही थी। चौदह खिलाड़ियों ने खुद को चुना, लेकिन 15 वें खिलाड़ी के लिए, हम (चयन समिति) रोहित शर्मा को चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्य से, टीम प्रबंधन पीयूष को चाहता था। रोहित, अब की तरह, एक उत्तम दर्जे का खिलाड़ी था। उनके पास इतनी प्रतिभा थी और चयनकर्ता कमोबेश आश्वस्त थे कि वह सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं, लेकिन टीम प्रबंधन पीयूष को चाहता था, इसलिए हम उस पर सहमत हुए।”
इस बीच वेंकट के साथी चयनकर्ता सुरेंद्र भावे ने कहा, “हमें एक लेग स्पिनर की जरूरत थी। पीयूष फिट था और बल्लेबाजी विभाग में भी योगदान दे रहा था। उनके पास बहुत अच्छा गुगली का विकल्प था।” सचिन तेंदुलकर वर्ल्ड कप 2011 में नौ मैचों में 482 रन के साथ भारत के शीर्ष स्कोरर थे। इस सूची में उनके बाद गौतम गंभीर थे, जिन्होंने समान मैचों में 393 रन बनाए थे, जबकि तेज गेंदबाज जहीर खान ने 21 विकेट लेकर टॉप विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने। हालांकि, गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला था।
आपको बता दें, रोहित शर्मा ने भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली से पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन वे उस समय मध्यक्रम में नीचे की तरफ खेलते थे और बतौर ऑफ स्पिनर भी उनको मौका मिलता था। वहीं, जब विराट कोहली को मौका मिला तो वे टॉप 5 में बल्लेबाजी करने उतरते थे।