उत्तर प्रदेशराज्य

टीबी मुक्त अभियान पर सियासत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :वर्ल्ड टीबी (ट्यूबरक्लोसिस-क्षय रोग) डे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीतापुर में थे। उन्होंने कहा कि PM नरेंद्र मोदी ने भारत को टीबी से साल 2025 तक मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। योगी ने दावा कि पिछले साल 2020 की तुलना में इस साल 2021 में टीबी मरीजों की संख्या कम हुई है। लेकिन अब CM के दावे पर सियासत शुरु हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने टीबी मरीजों के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि कोरोना के चलते टीबी मरीज चिन्हित नहीं हो सके। इसलिए मरीजों की संख्या आंकड़ों में घटकर आई है।

                                                         कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू।

मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा कि आज से शुरू हुए विश्व टीबी (क्षय) रोग दिवस अभियान को लेकर योगी सरकार बड़े-बड़े विज्ञापनों के माध्यम से प्रचारित कर रही है। टीबी के मरीजों को पोषण के लिए दी जाने वाली 500 रुपए की रकम तो दूर, मरीजों को उचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। शायद यही कारण है कि देश में हर साल 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौतें टीबी से हो रही है।

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर
अजय लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही वेंटिलेटर पर हैं। यहां अस्पतालों में ना तो डॉक्टर हैं और ना ही नर्स। टीबी की दवाओं का भी पूर्णतया अभाव है। जिसकी वजह से यहां के हालात और भी ज्यादा बदतर होते जा रहे हैं। देश का हर 5वां टीबी से संक्रमित मरीज उत्तर प्रदेश से है और ये संख्या लगातार बढ़ रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2021 में चिन्हित टीबी संक्रमित मरीजों की संख्या काफी गिर गई। इस साल मरीजों की संख्या गिरने का कारण कोरोना है। मरीज चिन्हित नहीं हो पाए थे, जिसकी वजह से यह संख्या कम होना प्रतीत हो रही थी। जबकि सच्चाई तो यह है कि टीबी के मरीजों को कोरोना के नाम पर भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया और आज स्थिति भयावह हो चुकी है।

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