उत्तर प्रदेशराज्य

एजेंसियों पर भी कसेगा शिकंजा

स्वतंत्रदेश, लखनऊ : जिले में रविवार की सुबह उमरी बेगमगंज थाने के आदमपुर बाजार में हुए सिलिंडर विस्फोट मामले को लेकर प्रशासन ने अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रीफिलिंग के लिए दुकान तक इतने सिलिंडर कैसे पहुंचे, इसके लिए सभी गैस एजेसियों के स्टॉक की जांच की जाएगी। यह जिम्मेदारी डीएम मार्कण्डेय शाही ने जिला पूर्ति अधिकारी को दी है।

गोंडा में सिलिंडर विस्फोट मामले को लेकर प्रशासन ने अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

आदमपुर बाजार में बाबू पंचर बनाने की दुकान करता है। इसी दुकान में गैस सिलिंडर रखे हुए थे। बताया जाता है कि यहां पर सिलिंडर रीफिलिंग के साथ ही अवैध तरीके से पेट्रोल बेचने का काम किया जाता था। रविवार की सुबह करीब आठ बजे अचानक आग लग गई। सिलिंडरों में विस्फोट होने लगा। इससे भगदड़ मच गई। विस्फोट से बाबू की दुकान के साथ ही रविंद्र शर्मा की फर्नीचर की दुकान, ओम प्रकाश व संतलाल की दुकान में रखा सामान भी जल गया

इसमें से 16 विस्फोट हुए हैं। वहीं, एसओ उमरी करुणाकर पांडेय का कहना है कि दुकान में कुल 12 सिलिंडर थे। इसमें से पांच विस्फोट हुए हैं। सात को बरामद किया गया है। एसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि विस्फोट मामले में बाबू के खिलाफ अवैध कारोबार का मुकदमा किया गया है। सीओ महावीर सिंह ने बताया कि इस मामले में आरोपित बाबू को गिरफ्तार कर लिया गया है, जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

थाने से महज दो किलोमीटर की दूरी पर अवैध रीफिलिंग का कारोबार लंबे समय से चल रहा था। यही नहीं, इसी दुकान में पेट्रोल की भी बिक्री की जाती थी। बावजूद इसके किसी ने इसकी पड़ताल करने की आवश्यकता नहीं महसूस की।

पसरा सन्नाटा: सोमवार को आदमपुर बाजार में सन्नाटा रहा। जिनकी दुकानों में आग लगी थी, उनके चेहरे मायूस है। बाजार में पुलिस की भी आवाजाही है।

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