कांट्रेक्चुअल सफाई कर्मियों की तैनाती में घालमेल
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :ठेकेदारी प्रथा से शहर की सफाई व्यवस्था में घालमेल चल रहा है। यह तब है, जब स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 को लेकर केंद्रीय टीम कभी भी शहर में आ सकती है। यह घालमेल ठेकेदारी प्रथा से तैनात 8632 सफाई कर्मियों को लेकर है।

सलाना 70 करोड़ के ठेके में अपनी भागीदारी बनाए रखने को लेकर नगर निगम में खींचतान चलती रहती है। दो माह पहले तक ठेकेदारी प्रथा से तैनात सफाई कर्मियों की संख्या 6232 थी, जो अब 8632 हो गई है। दावा किया गया था कि कर्मचारी बढऩे से शहर की सफाई व्यवस्था और बेहतर हो जाएगी, लेकिन कदम-कदम पर कमीशनखोरी के चलते इंतजाम बदतर होते गए। अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान ही नालियां गंदी मिल रही हैं।
नालियां बता रहीं सफाई की हकीकत
तमाम दावों के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं चढ़ पा रही है। सफाई की निगरानी के लिए सभी जोनों में नोडल अधिकारी भी तैनात किए जा रहे हैं। ये लंबे समय से निगरानी का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि शहर गंदगी की चपेट में आ गया है। कूड़ा प्रबंधन पर ही सारा फोकस होने से नालियां लावारिस हो गई हैं। करीब 70 करोड़ का सफाई का ठेका भी शहर को साफ नहीं कर पा रहा है, जबकि नियमित कर्मचारियों का अलग बजट है। सफाई तो नहीं हो रही है लेकिन, नगर निगम में सफाई का बजट साफ हो रहा है। ठेकेदारी प्रथा के बजट में बड़ा खेल चल रहा है। हर वर्ष सफाई के नाम पर 70 करोड़ का बजट होने के बाद भी नियमित सफाई नहीं हो पा रही है। अब ठेकेदार को काम देने में नया खेल चल रहा है। बैक डेट से कर्मचारियों को आवंटन कर अधिकारी और ठेकेदार नगर निगम के कोष को साफ कर रहे हैं। 60 और 40 प्रतिशत में बंटवारा हो रहा है।
घड़ी का विरोध करने वाले भी शामिल
सफाई कर्मचारियों की निगरानी के लिए जीपीएस लैस घड़ी का विरोध करने वाले भी ठेका सफाई के खेल में शामिल हैं। सफाई व्यवस्था की निगरानी करने के लिए ही नगर आयुक्त ने जीपीएस लैस घड़ी सफाई कर्मचारियों को पहनाई थी, जिसे कुछ पार्षदों के विरोध के कारण उतार लिया गया था।
मच्छरों की भरमार
कागजों में ही चले एंटी लार्वा अभियान का ही यह असर है कि शहर में मच्छरों की भरमार हो गई है। शाम के बाद हर तरफ मच्छरों से परेशान शहरवासी दिखाई देते हैं। बड़े साइज के ये मच्छर हर किसी को काट रहे हैं। नालियों में जमी गंदगी से पनप रहे मच्छर से बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है।
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि लापरवाही करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई हो रही है। अगर कोई कर्मचारी एक दिन गैरहाजिर मिल रहा है तो पूरे माह का मानदेय ठेकेदार के बिल से काटा जा रहा है। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी कमीशनखोरी में लिप्त पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी। ठेकेदारों से भी कह दिया गया है कि वह शतप्रतिशत सफाई कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाएं।